
फतेहाबाद, 30 सितंबर (Udaipur Kiran News) । रूस में फंसे फतेहाबाद के गांव कुम्हारिया के दोनों युवकों के देश वापस लौटने की एक बार फिर आस जगी है। रूस में फंसे भारतीय युवकों को लेकर विदेश मंत्रालय द्वारा जारी 27 लोगों की सूची में इन दोनों युवकों के नाम भी शामिल हैं। इस सूची के जारी होने के बाद इनके परिजनों को उम्मीद है कि भारत सरकार जल्द ही दोनों युवकों को सकुशल देश वापस ले आएगी। इस मामले में मंगलवार को यूक्रेन में फंसे युवक अंकित जांगड़ा का भाई रघुवीर जांगड़ा फतेहाबाद में जिला प्रशासन से मिलने पहुंचा। रघुवीर ने बताया कि हमारी ओर से लगातार सरकार के समक्ष उनके भाई और विजय को वापस लाने की मांग उठाई गई है। इसी का नतीजा है कि सरकार ने रूस से पूरी डिटेल प्राप्त कर 27 लोगों की लिस्ट जारी की है। इनमें अंकित और विजय का नाम शामिल है। रघुवीर ने बताया कि उन्हें यह लिस्ट सोमवार को मिली है। इसके बाद अब फिर से हमने सरकार से इन्हें वापस लाने की मांग तेज की है। बता दें कि, रूस सेना में जबरन भर्ती कर यूक्रेन युद्ध में भेजे गए फतेहाबाद के दोनों युवकों अंकित जांगड़ा व विजय पूनिया का 20 दिन से परिवार से कोई संपर्क है। दोनों के परिजन बेहाल हैं। परिवार ने चंडीगढ़ में सीएम ऑफिस और दिल्ली में विदेश मंत्रालय के भी कई चक्कर लगाए हैं। अंकित के भाई रघुवीर जांगड़ा ने कहा कि 11 सितंबर की रात के बाद से अंकित से कोई संपर्क नहीं हुआ है। वह दिल्ली में विदेश मंत्रालय भी गए थे। तीन बार सीएम नायब सैनी से मिल चुके हैं। सरकार तक बात पहुंचाने के कई प्रयास किए। उसी का नतीजा है कि विदेश मंत्रालय की लिस्ट में अंकित और विजय का नाम आया है। गौरतलब है कि फतेहाबाद जिले के गांव कुम्हारिया के दो युवक अंकित जांगड़ा और विजय पूनिया रूस गए थे। अंकित स्टडी वीजा पर 15 फरवरी जबकि विजय बिजनेस वीजा पर 15 जुलाई को गया था। अंकित स्टडी के साथ-साथ विजय के साथ ही रेस्टोरेंट में काम कर रहा था। इस दौरान विजय का रेलवे स्टेशन पर एक रशियन महिला से संपर्क हुआ, जिसने जॉब दिलाने का दावा किया। दोनों उस महिला के चंगुल में फंस गए। महिला ने उन्हें रशियन आर्मी में जबरन भर्ती करवा दिया। इसके बाद उन्हें रूस-यूक्रेन बॉर्डर पार ले जाकर यूक्रेन में युद्ध में धकेल दिया। अंकित ने अपने भाई रघुवीर के पास आखिरी बार 11 सितंबर को वाइस मैसेज भेजा था। जिसमें उसने कहा था कि हमें बचा लो। हमारे पास एक- दो दिन ही बचे हैं। इसके बाद हमें युद्ध में भेज दिया जाएगा। इसके बाद से परिवार का उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। अंकित और विजय ने रघुवीर के पास वीडियो भेजकर सारे घटनाक्रम से अवगत करवाया था। उसने बताया था कि 10 अगस्त को रशियन महिला ने उन्हें रशियन आर्मी में जबरन भर्ती करवा दिया। मात्र 10 दिन की हथियार चलाने की ट्रेनिंग देकर युद्ध में धकेला जा रहा है। उनसे पहले जो गए, उनका भी कोई सुराग नहीं लग पाया। विजय के छोटे भाई सुनील कुमार ने बताया कि भाई से आखिरी बार 13 सितंबर की शाम को बात हुई थी। तब उसने बताया था कि उन्हें जीरो लाइन की तरफ आगे लेकर जा रहे हैं। उन्होंने रूस में इंडियन एंबेसी में कई बार बात की है। सुनील बताते हैं कि उसके भाई का 26 अक्टूबर को बर्थडे है। वह भगवान से यही प्रार्थना है कि वो सकुशल लौट आए तो धूमधाम से उसका बर्थडे मनाएंगे।
(Udaipur Kiran) / अर्जुन जग्गा
