
धमतरी, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में इन दिनों अर्ली वेरायटी की धान फसल तैयार हो रही है। फसल में माहो व कीट-प्रकोप से किसान परेशान हैं। कीटनाशक छिड़काव के बाद भी किसानों को राहत नहीं है। इधर लेट वेरायटी के धान फसल में उत्पन्न खरपतवार की निंदाई इन दिनों अंतिम चरण पर है, क्योंकि धान के पौधा अब गबोद अवस्था में है। कृषि विशेषज्ञों ने माहो से बचाव के लिए एहतियात बरतने की सलाह दी है।
खरीफ सीजन में अर्ली वेरायटी के धान फसल की खेती करने वाले किसानों के खेतों में धान की बालियां इन दिनों लहलहा रही है। धान तैयार होकर अब पकने भी लगी है, लेकिन पिछले दिनों तेज धूप और भारी उमस के चलते धान के इस फसल में भारी माहो व कीट-प्रकोप शुरू हो गया। माहो अर्ली व लेट वेरायटी दोनों फसल में हमला बोल दिया है। फसल को बचाने किसान अपने-अपने अनुभव व कृषि विशेषज्ञों के अनुसार कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन माहो से राहत नहीं है।
किसान घनाराम साहू, रामनिहोरा, पुनारद राम, घनश्याम साहू ने बताया कि इन दिनों हुई तेज बारिश और आंधी तूफान से कई किसानों के अर्ली वेरायटी के धान फसल जमीन पर गिर गई। ऐसे फसल पर अब माहो सबसे ज्यादा हमला कर रहा है, इससे धान फसल पर खतरा मंडराने लगा है। इसके अलावा कई अन्य कीट-प्रकोप भी फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। कई बार कीटनाशक छिड़काव के बाद भी फसल को माहो से राहत नहीं मिल पाया है। उल्लेखनीय है कि इन दिनों क्षेत्र के ग्राम रूद्री, गंगरेल, तुमराबहार, खिड़कीटोला, रत्नाबांधा, मुजगहन, लोहरसी, खरतुली, कोलियारी, खरेंगा, संबलपुर, खपरी, भानपुरी समेत ज्यादातर गांवों के धान फसल में माहो की शिकायतें है। इन गांवों के किसान माहो से फसल बचाने कई उपाय भी कर रहे हैं।
कृषि अधिकारी एफएल पटेल ने बताया कि इन दिनों किसानों के धान फसल पर माहो की शिकायतें ज्यादा है। किसान अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारियों से संपर्क कर उचित कीटनाशक का छिड़काव करें, ताकि माहो से राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि माहो का ठंड शुरू होने के बाद मरना शुरू हो जाता है। माहो से निबटने के लिए ठंड भी एक कारगर उपाय है। यही वजह है कि किसान भी अब ठंड शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि धान फसल को माहो से राहत मिल सके। तेज धूप, भारी उमस व बादल वाला मौसम खत्म हो जाए, तो माहो कम होने लगता है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
