——छत्तीसगढ़ का वीडियो वाराणसी का बताकर किया पोस्ट, एक ने माफी मांगते हुए पोस्ट हटाया
वाराणसी, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रोपवे के गोंडोला गिरने की झूठी खबर सोशल मीडिया पर वायरल करने वालों पर अब कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। सिगरा पुलिस ने इस फर्जी खबर को फैलाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो वायरल किया गया, जिसमें दावा किया गया कि वाराणसी में उद्घाटन किए गए रोपवे का डिब्बा गिर गया। वीडियो पोस्ट करने के बाद लिखा गया कि “वाराणसी में मोदी जी का चार किमी का रोपवे 800 करोड़ की लागत से बना। उद्घाटन होते ही डिब्बा टूटकर नीचे गिरा, और मजे की बात भाजपा नेता भी साथ में गिर पड़े। इतनी लागत और नतीजा—धड़ाम।”
हालांकि, यह वीडियो वास्तव में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर (डोंगरगढ़) में हुई दुर्घटना का था, जिसे जानबूझकर वाराणसी का बताकर वायरल किया गया। लगभग 26 सेकेंड का यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते ही डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल के आदेश पर पुलिस एक्शन में आ गई। जैसे ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, @डॉ शीतल यादव नामक एक्स हैंडल से पोस्ट करने वाली यूज़र ने माफी मांगते हुए पोस्ट डिलीट कर दिया। आरोपी यूजर ने लिखा कि यह घटना वाराणसी के रोपवे की नहीं है। बिना जांच-पड़ताल के वीडियो पोस्ट किया गया, जिससे जिनकी भावनाएं आहत हुईं, उनसे माफी मांगती हूं।”
—एक अन्य वीडियो पर भी कार्रवाई
इसी प्रकार, अशोक डनोडा नामक एक अन्य यूजर ने भी वही वीडियो साझा करते हुए लिखा कि “हादसा हुआ छत्तीसगढ़ के मां बम्लेश्वरी मंदिर में… लेकिन सोशल मीडिया की ताक़त देखिए — बनारस का नाम जोड़ते ही भावनाएं बह निकलीं! लगता है अब सच नहीं, नाम ही सबसे बड़ा मंदिर है जहाँ लोग भरोसा करते हैं।” इन मामलों में रोडवेज चौकी प्रभारी की तहरीर पर सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों पर झूठी व भ्रामक सूचना प्रसारित करने, जन भावनाओं को भड़काने तथा भारत सरकार के रोपवे ड्रीम प्रोजेक्ट की छवि धूमिल करने के आरोप लगे हैं। इस संबंध में डीसीपी काशी जोन ने कहा कि इस तरह का झूठी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
