
भोपाल, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री एक्सीलेंस शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में सोमवार एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां कॉलेज के जर्जर भवन का हिस्सा सोमवार को गिर गया। गनीमत यह रही कि मौके पर क्षतिग्रस्त गलियारे में कोई मौजूद नहीं था। कॉलेज प्रशासन ने तुरंत घटनास्थल को खाली कराया और छात्रों को सुरक्षित स्थान पर भेजा।
प्रधानाचार्य अनिल सेवानी के मुताबिक हादसे से 10 मिनट पहले ही वे यहीं से गुजरे थे। हमीदिया कॉलेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि जर्जर भवन की मरम्मत को लेकर कई बार पूर्व में पत्र लिखे गए थे। लेकिन, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पहले कॉलेज सिर्फ आर्ट और कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए था। बाद में इसमें साइंस से जुड़े कोर्स भी शुरू किए गए। जिसके कारण यहां बच्चों की क्लासेस लगाने के लिए जगह कम पड़ रही थी। अभी हादसा हो जाने के बाद प्रभावित हिस्से में मौजूद ऊपरी क्लासों में भी कक्षाएं नहीं लगा सकेंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कॉलेज को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। छात्र संगठनों ने घटना के बाद कॉलेज प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एबीवीपी और एनएसयूआई ने कहा, कॉलेज की जर्जर इमारतें छात्रों की जान के लिए खतरा बन चुकी हैं। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। छात्रों ने मरम्मत कार्य तेज करने और सुरक्षा उपायों की मांग की है।
कॉलेज की जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष देवेंद्र रावत के अनुसार, 7 साल पहले कॉलेज का सी ब्लॉक पूरी तरह तालाब में समा गया था। इस घटना के बाद कॉलेज में नए भवन के निर्माण के कई वादे किए गए थे। लेकिन अब तक वह सिर्फ कागजों तक सिमटे हुए हैं। अब यह एक नया हादसा हो गया और निर्माण कार्य का अब तक कुछ पता नहीं है। नगर निगम से लेकर जिम्मेदारों को कई बार हमने इस तरह की घटना होने का अंदेशा जताया था। जिस पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। रावत के अनुसार, गलियारे का जो हिस्सा सोमवार को टूटकर तालाब में गिरा है, यह आवाजाही के लिए प्रमुख रास्ता था। यहां से कॉलेज के प्रधानाचार्य से लेकर स्टाफ और कॉमर्स स्टूडेंट अपनी क्लास में जाते थे। इससे लगे हुए हिस्से में अभी भी एकाउंट्स डिपार्टमेंट, कंप्यूटर लैब, प्रिंसिपल रूम जैसे महत्वपूर्ण कई कक्ष ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद है। वहीं, उपरी मंजिल में पांच कक्षाएं लगती हैं।
हमीदिया कॉलेज, जिसकी स्थापना 1946 में हुई थी, की अधिकांश इमारतें दशकों पुरानी हैं। लंबे समय से रखरखाव की कमी के कारण कई भवन खतरनाक स्थिति में हैं। कॉलेज में दरारें, रिसाव और संरचनात्मक कमजोरियां देखने को मिल रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर समय रहते मरम्मत न हुई, तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
