Bihar

नेपाल के वीरगंज में परंपरागत आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया फूलपाती पर्व

गहवा माई मंदिर का फोटो
गहवा माई मंदिर में फूलापाती मनाते लोग

-मंगलवार को होगी पशु और पंछियों की बलि

पूर्वी चंपारण,29 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।नेपाल का महत्वपूर्ण पर्व दशहरा पर्व के सातवां दिन फूलपाती उत्सव सोमवार को बीरगंज स्थित ऐतिहासिक गहवा माई मंदिर परिसर में पारंपरिक ढंग से श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन घटस्थापना कर दुर्गा भवानी की आराधना शुरू होने के बाद सप्तमी को घर–घर और मंदिरों में फूलपाती लाने की परंपरा निभाई जाती है। वैदिक परंपरा में फूलपाती को शुभता और शक्ति का प्रतीक माना गया है। पूजा कक्ष या दशहरा घर में घटस्थापना के साथ स्थापित कलश और जमारा के पास गन्ना, हल्दी, केले का पौधा, चावल की बालियां, बेलपत्र, अनार, जयंती, अशोक पुष्प और अन्य पत्तों को रखकर शक्ति स्वरूप नौ देवियों की पूजा की जाती है।

ज्योतिषाचार्य डॉ. पुरुषोत्तम दुबे के अनुसार फूलपाती लाने के लिए किसी विशेष स्थान पर जाने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य नौ देवियों के प्रतीक रूप में शक्ति की आराधना करना है। बीरगंज में फूलपाती का ऐतिहासिक स्वरूप छपकैया स्थित भू-राजस्व कार्यालय के दशईंघर से जुड़ा है। यहां से नेपाली सेना विशेष सम्मान और परंपरा के साथ फूलपाती लेकर गहवा माई मंदिर तक पहुंचाती है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी उसी भक्ति और गरिमा के साथ निभाई जा रही है। यात्रा में बीरगंज महानगरपालिका के मेयर राजेशमान सिंह, परसा के मुख्य जिला अधिकारी तोयनारायण सुबेदी, परसा के पुलिस अधीक्षक सुदीपराज पाठक सहित स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबल के अधिकारी भी शामिल रहे।

फूलपाती यात्रा के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी और मंदिर परिसर में श्रद्धालु माता दुर्गा की आराधना में लीन रहे। कल गहवा माई मंदिर परिसर में हर साल की भांति इस वर्ष भी पशु और पंछियों की बलि मंगलवार को भक्तगण करेंगे इस बीच दशहरा पर्व के सामाजिक और सांस्कृतिक उत्साह के बीच नेपाल भर के सरकारी कार्यालयों में सोमवार से छुट्टियां शुरू हो गई हैं।

बीरगंज सहित अन्य शहरों में कामकाजी लोग अपने पैतृक गांवों की ओर लौट रहे हैं। गांवों में पारंपरिक झूले, लिंगे पिंग और रोटे पिंग के साथ पर्व की रौनक और बढ़ गई है। धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक उल्लास के अद्भुत संगम के साथ फूलपाती पर्व ने दशहरा को और जीवंत बना दिया है। घटस्थापना से शुरू हुआ दुर्गा पूजा का अनुष्ठान फूलपाती उत्सव के साथ नई ऊर्जा और भक्ति भाव से आगे बढ़ा और पूरे क्षेत्र का वातावरण मां दुर्गा की आराधना से गुंजायमान हो उठा।

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(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार

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