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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आरएसएस भवन के मुकदमे में लिखित कथन की कॉपी प्रदान करने का सख्त आदेश

वाराणसी न्यायालय (सांकेतिक फोटो)

वाराणसी, 29 सितम्बर(Udaipur Kiran News) । वाराणसी में सिविल जज जूनियर डिवीजन (शहर) समाली मित्तल के न्यायालय ने सोमवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आरएसएस भवन के मुकदमे की सुनवाई करते हुए वादी मुकदमा को लिखित कथन की कॉपी प्रदान करने का सख्त आदेश दिया।

वादी प्रमील पाण्डेय और उनके अधिवक्ता गिरीश चंद्र उपाध्याय एवं मुकेश कुमार मिश्रा ने (Udaipur Kiran) को बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आरएसएस भवन मुकदमा संख्या 1749/2023 के संदर्भ में सिविल जज जूनियर डिवीजन शहर समाली मित्तल के न्यायालय में आज सुनवाई थी। न्यायालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय को पूर्व में 27 अगस्त 2025 में अपने लिखित कथन की प्रतिलिपि वादी प्रमील पाण्डेय को या उनके अधिवक्ता गिरीश चंद्र उपाध्याय एवं मुकेश कुमार मिश्रा को प्रदान करने का आदेश दिया था। परंतु काशी हिंदू विश्वविद्यालय की तरफ से अनावश्यक विलम्ब करने के उद्देश्य से वादी या उनके अधिवक्ता को लिखित कथन की कॉपी नहीं प्रदान की गई। जिसके कारण न्यायालय उक्त मुकदमे की सुनवाई 29 सितम्बर को करते हुए वादी को लिखित कथन की कॉपी प्रदान करने का सख्त आदेश दिया है।

वादी ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आरएसएस भवन था। जिसके लिए उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़नी शुरू की। कानून के जानकारों से सलाह लेकर इस लड़ाई को लड़ते हुए वह पीछे हटने वाले नहीं है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अर्थात आरएसएस के भवन के लिए न्यायालय से ही जीत की राह तय होगी।

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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र

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