
कोलकाता, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा को यूनेस्को की ‘इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज ऑफ ह्यूमैनिटी’ सूची में शामिल किए जाने को लेकर सोमवार को सियासी संग्राम तेज हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में दावा किया था कि यह मान्यता केंद्र सरकार की पहल का नतीजा है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि दुर्गा पूजा को वर्ष 2021 में यह प्रतिष्ठित टैग मिला था, लेकिन पहली बार प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय लेने की कोशिश की है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या यह 2026 के विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत है? ऐसी रणनीति बंगाल में कामयाब नहीं होगी। राज्य की जनता भलीभांति जानती है कि दुर्गा पूजा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का श्रेय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जाता है।”
तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने भी स्पष्ट कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय न तो वाममोर्चा सरकार को जाता है और न ही भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को। पूरा दस्तावेजी काम राज्य सरकार ने कराया था। ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही दुर्गा पूजा को वैश्विक मंच पर पहुंचाने पर विशेष जोर दिया गया और इसलिए पूरा श्रेय उन्हीं को मिलना चाहिए।
वहीं, राज्य भाजपा ने तृणमूल के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यूनेस्को का यह सम्मान शोधकर्ता तपति गुहा ठाकुरता के लंबे अध्ययन और काम का नतीजा है। भाजपा के प्रदेश महासचिव जगन्नाथ चटर्जी ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय ने उनके शोध को मान्यता दी और उसी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुख्य दस्तावेज बनाकर आगे बढ़ाया गया। अंततः उसी आधार पर यूनेस्को ने दुर्गा पूजा को हेरिटेज टैग प्रदान किया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
