
मंडी, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जिला स्तरीय समीक्षा समिति व जिला सलाहकार समिति की बैठक सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही की प्रगति की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि वित्तीय समावेशन सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए बैंकों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम सभाओं में नियमित वित्तीय साक्षरता शिविर लगाए जाएं, ताकि ग्रामीण जनता को बैंकिंग सेवाओं, डिजिटल लेन-देन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पूरी जानकारी मिल सके।
उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एनआरएलएम के लंबित मामलों की जानकारी लाभार्थियों तक समय पर पहुंचाई जाए और उनके कारण स्पष्ट किए जाएं। इन मामलों का निपटारा प्राथमिकता पर हो, ताकि स्वयं सहायता समूहों को ऋण सुविधा समय पर मिल सके।
उपायुक्त ने बताया कि जिले का सीडी रेशो 30.12 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 60 प्रतिशत है। इसे सुधारने और ऋण वितरण की गति बढ़ाने के लिए बैंकों को ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने लंबित सरकारी प्रायोजित मामलों के शीघ्र निपटारे, शिक्षा ऋण और स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा देने तथा महिला एवं कमजोर वर्गों के लिए विशेष योजनाओं के प्रचार पर बल दिया। लीड बैंक मैनेजर चंद्र प्रकाश ने जानकारी दी कि 30 जून तक जिले में कुल जमा राशि 23,874.84 करोड़ रुपए और अग्रिम 7,190.76 करोड़ रुपए रहे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 97 मामलों में कार्रवाई हुई, जिनमें 10 स्वीकृत हुए। एनआरएलएम के तहत 286 स्वयं सहायता समूहों को 901.40 लाख रुपए का ऋण मिला।
(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
