
पौड़ी गढ़वाल, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जानकी तुम बिन जीना निकाम है, तुम जानती हो तुम बिन मुझको न चैन है। देखो विपद में तुमने भी हमको तज दिया, अब जा अवध में तुम बिन मेरा क्या काम है।। लंका पति रावण द्वारा सीता हरण के उपरांत पंचवटी में राम लक्ष्मण के वापस लौटने पर कुटिया में सीता को न पाकर राम का यह मार्मिक विलाप दर्शकों की आंखों को नम कर गया। राम के पात्र गौरव गैरोला के मार्मिक विलाप को दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। इससे पूर्व रामलीला मंचन के सातवें दिन रामलीला की शुरुवात भगवान गणेश जी की आरती गाइए गणपति जग वंदन एवं मां दुर्गा की वंदना से हुई।
आज की लीला रावण मारीच संवाद से राम का स्वर्ण मृग वध हेतु जाना, योगी रावण के पंचवटी में प्रवेश, सीता हरण, राम लक्ष्मण मिलाप, जटायु मरण और राम शबरी संवाद तक मंचित की गई। राम शबरी संवाद में शबरी बनी प्रीति का अभिनय और गायन बोल बोल कागा मेरे राम कब आयेंगे, दुखियारी, झोपड़ी में भाग जाग जाएंगे दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर गया। राम शबरी के भाव पूर्ण मंचन ने सामाजिक समरसता का बेहतरीन सन्देश दिया। शबरी की भूमिका में प्रीति के अभिनय की दर्शकों ने प्रशंसा की। लक्ष्मण की भूमिका सुनील रावत, सीता आयुषी नेगी, योगी रावण आशुतोष नैथानी, जटायु की साहिल ने निभाई।
बतौर आरती में शामिल हुए मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि पौड़ी विधायक श्री राजकुमार पोरी ने रामलीला के आयोजन को महतवपूर्ण बताते हुए कहा कि नागरिकों द्वारा एकजुट होकर आयोजन करना औरउसे आम जनमानस के बीच रोचक बनाना कबीलेतारिफ है। उन्होंने समिति को सफल आयोजन के लिए शुभ कामना प्रेषित की। इस अवसर पर व्यापार सभा के अध्यक्ष विनय शर्मा, इतिहासकार डा योगेश धस्माना,संरक्षक हरीश रावत, विक्रम गुसाईं, जसपाल रावत, देवेंद्र रावत, कुलदीप गुसाईं, प्रदीप कंडारी, मुकुल शर्मा, विमल बहुगुणा आदि उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / कर्ण सिंह
