
हिसार, 29 सितंबर (Udaipur Kiran News) । लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) के कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा ने कहा है कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा प्रणाली नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है, जो मनुष्य, पशु और पर्यावरण तीनों को संतुलित स्वास्थ्य के लिए मार्ग दर्शन प्रदान करता है। वर्तमान समय में जब जीवनशैली संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, तब आयुर्वेद हमें स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के लिए प्राकृतिक मार्ग सुझाता है।प्रो. विनोद कुमार वर्मा साेमवार काे विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा औषधि एवं विष विज्ञान विभाग द्वारा पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विस्तार शिक्षा संकाय के कॉन्फ़्रेंस हॉल में 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा में भी आयुर्वेदिक औषधियों और पद्धतियों का उपयोग पशुधन के स्वास्थ्य संवर्धन और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में सहायक हो सकता है। इस अवसर पर पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. गुलशन नारंग ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने आयुर्वेद की प्राचीन परंपरा और आधुनिक संदर्भों में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आयुर्वेद न केवल मानव स्वास्थ्य बल्कि पशु स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी उपयोगी है।कार्यक्रम में विशेष वक्ताओं के रूप में डॉ. सुधेश एस. गैधानी और डॉ. सिमरत पाल सिंह सैनी ने व्याख्यान प्रस्तुत किए। डॉ. गैधानी ने आयुर्वेदिक सिद्धांतों एवं उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की तथा कार्यक्रम के अंत में कुलपति को अपनी लिखी हुई दो आयुर्वेद संबंधी पुस्तकें स्मृति स्वरूप भेंट कीं। इस पर कुलपति ने उनका धन्यवाद करते हुए कहा कि ये दोनों पुस्तकें विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि विद्यार्थी एवं शोधार्थी आयुर्वेदिक ज्ञान से लाभान्वित हो सकें। डॉ. सैनी ने दैनिक जीवन में आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे स्वास्थ्य संवर्धन का सरल, प्रभावी और सर्वसुलभ साधन बताया।कार्यक्रम के अंतर्गत पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी रचनात्मकता के माध्यम से आयुर्वेद की प्रासंगिकता को प्रस्तुत किया। विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
