Uttar Pradesh

विकसित यूपी @2047: जनता ने दिये आईटी हब, स्वास्थ्य और गन्ना मिल शुरू करने के सुझाव

जनप्रतिनिधियों से वर्चुवल माध्यम से संवाद करते मुख्यमंत्री

लखनऊ, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने की दिशा में जारी योगी सरकार का ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान’ नई ऊंचाइयां छू रहा है। प्रदेश के सभी 75 जिलों में करीब 300 नोडल अधिकारी और प्रबुद्धजन विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद कर रहे हैं। संवाद का यह वर्चुअल मंच न केवल उपलब्धियों को रेखांकित करने का अवसर बना, बल्कि पंचायत स्तर पर नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने की सामूहिक प्रतिबद्धता का भी प्रमाण बना।

इसी क्रम में एटा जनपद से शीतलपुर के ब्लॉक प्रमुख पुष्पेंद्र लोधी ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में उनका ब्लॉक पूरे अलीगढ़ मंडल में मॉडल ब्लॉक के रूप में पहचाना जा रहा है, जहाँ बीते आठ वर्षों में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं। विकास की इस निरंतरता को आगे बढ़ाते हुए कानपुर देहात के सरवनखेड़ा ब्लॉक की प्रमुख उर्वशी सिंह ने वर्षा जल संचयन, पिंक टॉयलेट जैसी योजनाओं और ग्रामीण बाजारों के उन्नयन से जुड़ी पहलें साझा कीं। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में मंडी समिति के सहयोग से ग्रामीण हाट और सामुदायिक हॉल जैसी आय-सृजन गतिविधियों को और अधिक प्रोत्साहित करने की बात कही।

नवाचार और स्थानीय संसाधनों के उपयोग की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए सोनभद्र के चोपन की ब्लॉक प्रमुख लीला देवी ने अमृत सरोवर, चेकडैम, पौधारोपण जैसे कार्यों के साथ महिलाओं द्वारा बकरी के दूध से साबुन बनाने के छोटे उद्योग का उदाहरण रखा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि सोनभद्र के आबादी पिकनिक स्पॉट को थोड़ी और पहचान मिले तो यह गोवा की तर्ज पर पर्यटन मानचित्र पर आ सकता है। मुख्यमंत्री ने इस सोच की सराहना करते हुए प्रस्ताव भेजने को कहा।

प्रदेश की भावी विकास परिकल्पना को रेखांकित करते हुए आज़मगढ़ के अजमतगढ़ ब्लॉक की प्रमुख अलका मिश्रा ने मुख्यमंत्री को विकसित यूपी@2047 अभियान से जुड़ी पुस्तिका भेंट की और इस दिशा में अपने योगदान की प्रतिबद्धता जताई। इसी भावना को और ठोस रूप देते हुए वाराणसी के काशी विद्यापीठ ब्लॉक की प्रमुख रेनू पटेल ने कैंटीन और ओपन जिम जैसी योजनाओं के बारे में बताया, जिन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयोग न केवल जनता के लिए उपयोगी हैं, बल्कि पंचायतों की आय बढ़ाने का भी माध्यम बन सकते हैं।

इसी कड़ी में पीलीभीत की जिला पंचायत अध्यक्ष दलजीत कौर ने बालिकाओं के लिए इंटर कॉलेज, किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज और तालाब निर्माण जैसे कार्यों के साथ-साथ 500 दुकानों से हो रही आय की जानकारी दी। पंचायतों की आय बढ़ाने की इसी सोच को मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने और ठोस उदाहरण के साथ सामने रखा। उन्होंने बताया कि किस तरह हाल ही में 128 दुकानों के निर्माण, खाली पड़ी जमीनों के सदुपयोग और कर चोरी रोकने जैसे कदमों से आय को 3 करोड़ से 10 करोड़ तक पहुँचाया गया है। मुख्यमंत्री ने इसे एक मॉडल उदाहरण बताते हुए सभी जिला पंचायतों को इससे सीख लेने की आवश्यकता पर बल दिया।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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