Delhi

स्टार ग्लोबल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस ने दिखाया शिक्षा का नया मार्ग

नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में स्टार ग्लोबल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन किया

नई दिल्ली, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News) । स्टार ग्लोबल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन आज नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में किया गया। इस सम्मेलन का विषय “ह्यूमन फर्स्ट, टेक फ़ॉरवर्ड – द न्यू बैलेंस इन एजुकेशन”। सम्मेलन ने शिक्षा और उद्योग जगत के दिग्गजों को एक मंच पर लाकर तकनीक और मानव मूल्यों के बीच संतुलन पर विचार-विमर्श का अवसर दिया। इस अवसर पर गूगल फ़ॉर एजुकेशन मुख्य साझेदार रहा।

उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एआईसीटीई अध्यक्ष टीजी सीताराम, विशिष्ट अतिथि सीबीएसई के निदेशक बिस्वजीत साहा और सीआईएससीई मुख्य कार्यकारी एवं सचिव जोसेफ इमैनुएल उपस्थित रहे। उद्योग जगत से विशेष अतिथियों में संजय जैन, हेड, गूगल फ़ॉर एजुकेशन, इंडिया, तथा राजू पुल्लन, एसवीपी, एमएक्स बिज़नेस, सैमसंग इंडिया सम्मिलित हुए।

यह सम्मेलन सामर्थ्य टीचर्स ट्रेनिंग एकेडमी ऑफ रिसर्च (स्टार) द्वारा आयोजित किया गया, जिसे जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स का सहयोग प्राप्त है। स्टार की ओर से शिशिर जयपुरिया, चेयरमैन, जयपुरिया ग्रुप, विनोद मल्होत्रा, चेयरमैन, एसटीटीएआर, और सुषमा रतूरी, सीईओ, एसटीटीएआर उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत विनोद मल्होत्रा के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद शिशिर जयपुरिया ने विशेष संबोधन दिया। उन्होंने कहा, “इस वर्ष का विषय, ‘ह्यूमन फर्स्ट, टेक फ़ॉरवर्ड – द न्यू बैलेंस इन एजुकेशन’ अत्यंत प्रासंगिक है। हम अभूतपूर्व समय में जी रहे हैं, जहाँ तकनीकी परिवर्तन की गति इतिहास में पहले कभी नहीं देखी गई। चुनौती सिर्फ यह नहीं है कि एआई क्या कर सकता है, बल्कि यह भी है कि इसका मानव जीवन पर क्या अर्थ होगा।”

सम्मेलन में प्रतिष्ठित वक्ताओं के कीनोट एड्रेस शामिल रहे। संजय जैन ने “इवॉल्विंग एजुकेशन लैंडस्केप एंड टेक-लेड ट्रांज़िशन” विषय पर व्याख्यान दिया, जबकि श्री राजू पुल्लन ने “द ह्यूमन एंड टेक इक्वेशन – क्रिएटिंग इम्पैक्टफुल लर्निंग एक्सपीरियंसेज़” पर विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर एआई इन एजुकेशन पर नॉलेज पेपर्स भी जारी किए गए।

डॉ. जोसेफ़ इमैनुएल और डॉ. बिस्वजीत साहा ने अपने संबोधन में नवाचार के साथ समावेशिता के महत्व और नीति-निर्माण की भूमिका पर प्रकाश डाला।

डॉ. जोसेफ इमैनुएल ने कहा, स्कूली शिक्षा तेजी से छात्र केंद्रितता पर ध्यान केंद्रित करने और प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के महत्व को समझ रही है। हमें एक सामंजस्यपूर्ण संतुलन ढूंढना होगा।

डॉ. बिस्वजीत साहा ने कहा, एनईपी ने योग्यता-आधारित शिक्षा के लिए रोडमैप तैयार किया है जहां छात्रों की रुचि को सबसे ऊपर रखा जाता है। प्रौद्योगिकी को उस दिशा में काम करना होगा।

सम्मेलन के दौरान प्रतिष्ठित शिक्षा गरिमा पुरस्कार प्रो. टीजी सीताराम को प्रदान किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें एआई की पूर्ण क्षमता का उपयोग करना चाहिए, परंतु मानवता और मानवीय मूल्यों से समझौता नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा, मेरा दृष्टिकोण मानव प्रथम और मानव अंतिम है। प्रौद्योगिकी को मनुष्यों की सहायता करनी है, न कि उन्हें प्रतिस्थापित करना है। शिक्षा में, शिक्षकों को छात्रों के मूल्यांकन के तरीके को बदलने की दिशा में काम करना होगा। प्रौद्योगिकी ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में सीखने की सुविधा प्रदान की है। इसका उपयोग करने की आवश्यकता है।

दिनभर चलने वाले इस सम्मेलन में 18 राज्यों से आए 700 से अधिक शिक्षकों, काउंसलरों और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। सम्मेलन में पैनल डिस्कशन, मास्टरक्लास और संवादात्मक सत्रों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की विशेष आकर्षण रही स्टार एक्सीलेंस अवॉर्ड्स। इस अवसर पर वृंदा सरूप, पूर्व सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता ने मुख्य अतिथि के रूप में गरिमा बढ़ाई। लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड डॉ. शालिनी अडवाणी, स्कूल एडवाइज़र एवं गवर्निंग बॉडी सदस्य, पाथवे स्कूल्स और एनईएएससी को प्रदान किया गया। इसके अलावा प्राचार्यों, शिक्षकों, काउंसलरों और स्कूलों को दिए गए स्टार एक्सीलेंस अवॉर्ड्स में विजेताओं ने पूरे भारत से — जम्मू-कश्मीर से लेकर चेन्नई, गुजरात से नागालैंड तक — अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

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