Uttar Pradesh

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर गाजियाबाद में आयोजित होंगे विभिन्न कार्यक्रम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित होंगे विभिन्न कार्यक्रम

गाजियाबाद, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विजयादशमी 2025 पर अपने 100 वर्ष पूरे कर लेगा। यह शताब्दी वर्ष केवल संघ का उत्सव नहीं, अपितु सम्पूर्ण समाज और राष्ट्र के लिए नवचेतना, आत्ममंथन एवं दृढ़ संकल्प का ऐतिहासिक अवसर है। संघ एक शताब्दी के अनुभव के साथ राष्ट्रहित और समाजोत्थान के लक्ष्य को और अधिक गति देने के लिए तत्पर है।

यह शताब्दी वर्ष भारत की सांस्कृतिक चेतना, सामाजिक समरसता और संगठन शक्ति का उत्कर्ष करने का ऐतिहासिक अवसर है। इसका उद्देश्य सामूहिक आत्ममंथन द्वारा परिवार, समाज और प्रत्येक नागरिक में उत्तरदायित्व-बोध को जागृत करना है। शताब्दी वर्ष का लक्ष्य है : समरस, सशक्त एवं संगठित भारत का निर्माण।

प्रचार विभाग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गाजियाबाद विभाग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार शताब्दी वर्ष का केंद्रीय भाव ‘पंच परिवर्तन अभियान’ में निहित है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाना है। यह अभियान पाँच मुख्य आयामों पर केंद्रित है : स्व : स्व आधारित जीवन अपनाना – जैसे स्व-भाषा, स्व-भूषा (पोशाक), स्व-पूजा, स्व-भोजन, स्व-भ्रमण, स्व-भवन और स्व-परंपरा। कुटुंब-प्रबोधन : परिवार को संस्कारित व मजबूत आधार प्रदान करना। नागरिक कर्तव्य : उत्तरदायित्वों का निर्वहन और राष्ट्र के प्रति समर्पित जीवन जीना। सामाजिक समरसता : समानता, भाईचारा और परस्पर सहयोग को बढ़ावा देना। पर्यावरण संरक्षण : प्रकृति, संसाधनों और भविष्य की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील होना।

शताब्दी वर्ष को एक राष्ट्रव्यापी जन-आंदोलन बनाने हेतु गाजियाबाद विभाग द्वारा अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें शंखनाद संघ स्थापना दिवस विजयादशमी पर पथ संचलन से प्रारंभ होकर वर्ष भर चलता रहेगा। इस अंतर्गत बस्ती स्तर पर 28 सितम्बर, 2 अक्टूबर एवं 5 अक्टूबर 2025 को पूर्ण गणवेश में अनुशासित पथ संचलन किए जाएंगे। जिनका उद्देश्य समाज में अनुशासन, संगठन शक्ति एवं एकात्मता का संदेश देना होगा। इसके उपरांत 1 नवम्बर से 30 नवम्बर 2025 तक गृह संपर्क अभियान चलेगा जिसमें स्वयंसेवकों की टोलियाँ घर-घर जाकर परिवारों से संपर्क करेंगी और शताब्दी वर्ष की गतिविधियों की जानकारी साझा करेंगी। 11 जनवरी से 15 फरवरी 2026 के बीच बस्ती स्तर पर हिंदू सम्मेलन आयोजित होंगे ताकि समाज के विभिन्न घटकों को एकजुट कर सांस्कृतिक जागरण और राष्ट्रहित में सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। जिला और नगर स्तर पर प्रमुख जनों की गोष्ठियाँ आयोजित की जाएँगी जिनमें प्रबुद्ध नागरिकों, समाजसेवियों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रभावी व्यक्तियों को साथ लाकर समाज एवं राष्ट्र के उत्थान पर चर्चा होगी। अप्रैल 2026 में नगर स्तर पर सद्भाव बैठकें आयोजित होंगी जिनमें संत-महात्माओं और समाज के विविध वर्गों को जोड़कर सामाजिक समरसता का वातावरण बनाया जाएगा। 15 अगस्त से 17 सितम्बर 2026 के बीच युवा सम्मेलन होंगे जिनमें युवाओं में राष्ट्रभावना, कर्तव्यनिष्ठा और संगठनात्मक शक्ति को जागृत करने पर बल दिया जाएगा। वर्ष के अंतिम चरण में 27 सितम्बर से 4 अक्टूबर 2026 तक अधिकतम शाखा अभियान चलेगा जिसमें शाखा को व्यक्ति निर्माण की इकाई मानते हुए प्रौढ़ शाखा, तरुण शाखा, तरुण व्यवसायी शाखा और बाल शाखा — इन चार प्रकार की शाखाओं के विस्तार पर विशेष बल दिया जाएगा।

प्रचार विभाग के अनुसार कार्यक्रमों की श्रृंखला इस प्रकार होगी। विजयादशमी से आरंभ होकर पूरे देश में नई ऊर्जा का संचार करेगी। सुविधा की दृष्टि से पथ संचलन के लिए 28 सितंबर, 02 अक्टूबर यानी विजयादशमी के दिन तथा 05 अक्टूबर – इन तीन तिथियों को निर्धारित किया गया है। प्रेस वार्ता आज 28 सितम्बर सुबह 12 बजे से विद्या मंदिर, गाजियाबाद में आयोजित की गई जिसमें विभाग प्रचार प्रमुख अखिलेश, विभाग कार्यवाह देवेंद्र प्रताप और विभाग संघचालक कैलाश मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहें और व्यवस्था में अन्य स्वयंसेवक बंधु उपस्थित रहें।शताब्दी वर्ष समाज के प्रत्येक वर्ग से नवसंवाद स्थापित करने और राष्ट्र निर्माण में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने का अवसर है।

(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी

Most Popular

To Top