
रांची, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News) । नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से जारी झारखंड नगरपालिका पथ कर नियमावली-2025 ड्राफ्ट पर झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने आपत्ति दर्ज की है।
नियमावली में निहित प्रावधानों से व्यापार जगत को होनेवाली असुविधा को देखते हुए रविवार को चेंबर भवन में पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि वाणिज्यिक वाहनों पर अतिरिक्त पथ कर लगाए जाने का प्रस्ताव अव्यावहारिक है। यह कदम राज्य की व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों को बाधित करेगा, महंगाई को और बढ़ाएगा एवं स्थानीय व्यापारियों तथा उपभोक्ता दोनों पर असमान बोझ डालेगा।
चेम्बर की ओर से विभाग को प्रेषित किये गए आपत्ति में कहा कि यह कर डबल टैक्सेशन है, क्योंकि पहले से ही मोटर व्हीकल टैक्स, टोल टैक्स, जीएसटी तथा बस स्टैंड शुल्क जैसे अनेक टैक्स लिए जा रहे हैं। इस टैक्स के कारण परिवहन लागत बढ़ेगी, जिससे आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ेंगी और सीधा असर आम उपभोक्ता पर पड़ेगा। छोटे व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों पर इसका बोझ सबसे अधिक पड़ेगा, इससे उनकी आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी।
चैंबर ने कहा कि कर संग्रह की प्रक्रिया शहरों के प्रवेश बिंदुओं पर गंभीर जाम और अव्यवस्था उत्पन्न करेगी। पड़ोसी राज्यों की तुलना में झारखंड की औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा क्षमता घट जाएगी। यह प्रस्ताव वन नेशन, वन टैक्स की मूल भावना और जीएसटी सुधार की आत्मा के विरुद्ध है। चेंबर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने विभागीय मंत्री और सचिव से आग्रह किया कि इस प्रस्तावित कर को वापस लिया जाय।
उक्त जानकारी चेंबर महासचिव रोहित अग्रवाल ने देते हुए कहा कि पथ कर नियमावली से होनेवाली असुविधा को देखते हुए राज्य भर की सम्बद्ध संस्थाओं की ओर से झारखण्ड चेंबर के पास सुझाव प्राप्त हुए हैं। सभी संगठनों के सुझाव के अनुरूप झारखंड चेंबर ने आपत्ति दर्ज करते हुए विभागीय निर्णय को शिथिल करने की मांग की गई है।
बैठक में चेंबर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया, महासचिव रोहित अग्रवाल और पूर्व अध्यक्ष किशोर मंत्री उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
