
—राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, नई दिल्ली के सहयोग से राष्ट्रीय पुस्तक प्रदर्शनी भी
वाराणसी,28 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी की सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान परंपरा के आलोक में आयोजित तीन दिवसीय काशी शब्दोत्सव-2025 की शुरूआत आगामी 16 नवम्बर से होगी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन सभागार में तीन दिनों तक कुल 12 सत्रों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय एवं स्थानीय विषयों को केंद्र में रखकर विमर्श होगा। इस वर्ष का काशी शब्दोत्सव 2025 ‘‘विश्व कल्याण : भारतीय संस्कृति’’ विषय पर केंद्रित है। यह जानकारी रविवार को लंका स्थित विश्व संवाद केन्द्र के सभागार में राष्ट्रधर्म पत्रिका के निदेशक मनोजकांत ने पत्रकारों को दी। उन्होंने ‘काशी शब्दोत्सव 2025’ के सन्दर्भ में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भारतीय कला, संस्कृति और साहित्य की थाती को संजोने व जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से वर्ष 2023 में ‘काशी शब्दोत्सव’ की शुरुआत हुई। काशी शब्दोत्सव न सिर्फ कुछ दिनों तक चलने वाला अकादमिक या सांस्कृतिक समारोह है, बल्कि यह भारतीय मनीषा की देदीप्यमान आभा का ज्योति पुंज है। भारतीयता की भावना को समर्पित यह प्रकल्प भारतीय मन की सृजनात्मक धारा का भावबोध है।
—संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन
वार्ता में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सदाशिव द्विवेदी ने बताया कि यह आयोजन संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में होगा, जिसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। काशी शब्दोत्सव के संयोजक डॉ. हरेंद्र राय ने बताया कि तीन दिवसीय काशी शब्दोत्सव के परिचय के क्रम में कहा कि काशी शब्दोत्सव राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय एवं स्थानीय विषयों को केंद्र में रखकर समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में व्याप्त विभिन्न विषयों पर प्रमुखता से संवाद स्थापित करता है। इसके अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा, कौटुंबिक अवधारणा, सामाजिक समरसता, समाज प्रबंधन, लोकतांत्रिक शुचिता, भारतीय साहित्य, पर्यावरण, न्याय बोध, भारतीय चिकित्सा पद्धति, पौराणिक एवं वैदिक संदर्भ, शिक्षा की भारतीय अवधारणा और उसका क्रियान्वयन आदि विषयों को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में रखकर तीन दिनों तक विमर्श होंगे। इस संवाद गोष्ठी में अपनी-अपनी विधा के निष्णात विद्वान देश-विदेश से शामिल होंगे।
राष्ट्रीय पुस्तक प्रदर्शनी : विशेष आकर्षण
डॉ. हरेन्द्र राय ने आयोजन के कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस उत्सव का एक बड़ा आकर्षण तीन दिनों तक चलने वाली राष्ट्रीय पुस्तक प्रदर्शनी भी होगी, जो राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, नई दिल्ली के सहयोग से लगाई जाएगी। इसके अलावा हर दिन सायंकाल लोक एवं शास्त्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें भारतीय संगीत, नृत्य एवं नाट्य की विविध प्रस्तुतियां दर्शकों को भारतीय सांस्कृतिक विरासत से जोड़ेंगी।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
