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बिहार माता सीता की जन्मभूमि और सदियों से विश्व को प्रेरित करने वाली पवित्र धरती है : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जेपी को श्रद्धांजलि देते हुए
उन्मेष इंटरनेशनल के कार्यक्रम में अपने सम्बोधन के दौरान राधाकृष्णन

पटना, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News) । उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन रविवार को पटना में आयोजित उन्मेषा इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल के समापन सत्र में शामिल हुये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिहार माता सीता की जन्मभूमि और सदियों से विश्व को प्रेरित करने वाली पवित्र धरती है।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि यह उनका बिहार का पहला दौरा है और इस पवित्र भूमि का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि बिहार माता सीता की जन्मभूमि है, जिन्होंने साहस और धैर्य का जीवन जीकर पूरे विश्व को प्रेरित किया। यही सीख हमें भी संघर्ष और आगे बढ़ने की शक्ति देती है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि बिहार सदियों से क्रांतिकारियों का केंद्र रहा है। 19 वर्ष की आयु में वे स्वयं जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन का हिस्सा बने थे। छठ पर्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारी संस्कृति की विशिष्टता है, जहां उगते सूर्य के साथ-साथ डूबते सूर्य की भी पूजा की जाती है।

सांस्कृतिक विविधता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने एक प्रसंग साझा करते हुए कहा, यूरोप में एक मित्र ने मुझसे पूछा कि इतने भाषाई भेदों के बावजूद भारत एकजुट कैसे रहता है? मैंने उत्तर दिया कि हमारा धर्म हमें जोड़ता है। राधाकृष्णन ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना पुराना मित्र बताते हुए कहा कि हम मित्र उन दिनों से हैं, जब हम दोनों संसद सदस्य थे।

उपराष्ट्रपति बनने के बाद राज्य के अपने पहले दौरे पर आए राधाकृष्णन का हवाई अड्डे पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल पर जाते समय उपराष्ट्रपति ने थोड़ी देर रुककर महान समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और ‘लोकनायक’ के साथ अपने जुड़ाव का ज़िक्र किया।

उन्होंने कहा कि आज बिहार के पटना स्थित जेपी गोलंबर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि और नमन अर्पित किया।

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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी

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