
– पूर्व में प्रस्तावित न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा ने निजी कारणों से जताई थी असमर्थता
देहरादून, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । धामी सरकार ने यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा-2025 में कथित नकल के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी (उच्च न्यायालय, नैनीताल) की अध्यक्षता में एक एकल सदस्यीय जांच आयोग के गठन की घोषणा की है। पूर्व में प्रस्तावित न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा ने निजी कारणों से असमर्थता जताई थी।
जारी आदेश के अनुसार, आयोग को अन्य अधिकारियों व विशेषज्ञों का सहयोग लेने की स्वतंत्रता होगी। आयोग का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण राज्य रहेगा तथा वह विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों, सूचनाओं और तथ्यों का परीक्षण करेगा। इसके अतिरिक्त आयोग, 24 सितम्बर को गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की आख्या का संज्ञान लेकर आवश्यकतानुसार उसे विधिसम्मत मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा। सरकार ने अपेक्षा की है कि आयोग शीघ्रातिशीघ्र अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।
बता दें कि 21 सितम्बर को आयोजित परीक्षा के दौरान नकल की शिकायतें सामने आई थीं। राज्य सरकार ने इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच आयोग अधिनियम, 1952 की धारा 3 के तहत न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने प्रारंभ में यह जिम्मेदारी न्यायमूर्ति बी.एस. वर्मा (सेवानिवृत्त) को सौंपने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने समयाभाव और निजी कारणों से असमर्थता जताई। इसके बाद राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
