
धर्मशाला, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । कांगड़ा जिला में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) योजनाओं पर दो दिवसीय जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। पहला कार्यक्रम 26 सितम्बर को आई.ए. संसारपुर टैरेस में हुआ, जबकि दूसरा सत्र शनिवार को धर्मशाला में आयोजित किया गया। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय उद्यमियों तक नवीनतम सरकारी योजनाओं की जानकारी पंहुचाना और जिले के औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन देना था।
आई.ए. संसारपुर टैरेस में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन जिला उद्योग केंद्र, कांगड़ा के महाप्रबंधक ओम प्रकाश जरियाल ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। एमएसएमई रत्न पुरस्कार से सम्मानित डॉ. अशोक पाठानिया विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न औद्योगिक प्रोत्साहन योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से रैम्प कार्यक्रम और अन्य एमएसएमई पहल की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर पुणे से आए विशेषज्ञ डॉ. साल्वी ने स्पाइस और गिफ्ट योजनाओं पर व्याख्यान दिया, जिनका उद्देश्य नवोन्मेषी स्टार्टअप्स और उद्यमों को प्रोत्साहित करना है। फार्मास्यूटिकल इकाइयों के उद्यमियों ने इस सत्र में विशेष रुचि दिखाई और एमएसई-सीडीपी योजना के तहत एक फार्मा क्लस्टर स्थापित करने में अपनी इच्छा प्रकट की। सत्र में 50 से अधिक स्थानीय उद्यमियों ने भाग लिया।
दूसरा सत्र धर्मशाला में हुआ, जिसमें रैम्प , एमएसई-सीडीपी और ग्रीनिंग ऑफ एमएसएमई विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इस कार्यशाला का संचालन जिला उद्योग केंद्र धर्मशाला के महाप्रबंधक ओम प्रकाश जारियाल और प्रबंधक दिनेश के. उपाध्याय ने किया।
सत्र में संसाधन व्यक्तियों के रूप में संदीप शर्मा ( एमएसई-सीडीपी विशेषज्ञ) और जिला उद्योग केंद्र से दीपक बक्शी ने जानकारी साझा की। कुल 58 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में हिस्सा लिया और सतत विकास तथा क्लस्टर विकास की संभावनाओं पर व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की।
दोनों सत्रों में कुल मिलाकर 100 से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
