
-विधायी प्रारूपण तैयार करने में दक्ष हों अधिकारी व कर्मचारी
-विधायी प्रारूपण तैयार करना लोकतंत्र की है श्रेष्ठतम सेवा : हरविंद्र कल्याण
चंडीगढ़, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । हरियाणा के राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने कहा कि कानून लोकतंत्र की रीढ़ है, लेकिन इसकी असली ताकत इस बात में निहित है कि इसे कितनी स्पष्टता और प्रभावी ढंग से तैयार किया जाता है। विधायी प्रारूपण केवल शब्दों को कागज़ पर उतारना नहीं है, बल्कि यह न्याय को जीवंत व शासन को सुदृढ़ करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के बारे में है। एक अच्छी तरह से तैयार किया गया कानून स्पष्टता, एकरूपता और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है।
राज्यपाल शनिवार को हरियाणा विधानसभा व लोकसभा की संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विधायी प्रारूपों एवं संवर्धन विषय पर हरियाणा विधानसभा व अन्य विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि विधायी प्रारूपण भी एक लोकतांत्रिक ज़िम्मेदारी है। एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि (विधायक) जनता की इच्छा का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं, विधायी प्रारूपण को तैयार करने में लगे अधिकारी व कर्मचारी भी अहम भूमिका निभाते हैं।
इसलिए उनमें दक्षता व कौशलता होनी चाहिए, तभी एक सधा हुआ कानून बनता है जो कि राजनीतिक दृष्टि और व्यावहारिक शासन के बीच सेतु का काम करता है। उनकी भूमिका के लिए न केवल कानूनी विशेषज्ञता बल्कि नैतिक संवेदनशीलता की भी आवश्यकता होती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कानून की भाषा न्याय, समानता और संवैधानिक मूल्यों को मूर्त रूप दे।
हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने अपने संबोधन में कहा कि विधायी प्रारूपण कानून की आत्मा है। यह लोकतंत्र की श्रेष्ठतम सेवा है। व्यक्ति का कोई भी पद या पावर ज्ञान के कारण ही लोगों के काम आता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन और गृह मंत्री अमित शाह की पहल थी कि विधायी प्रारूपण के लिए अनुभवी व ज्ञानी लोगों की टीम तैयार की जाए, ताकि वे लोकहित में सरल भाषा में कानून बनाने में योगदान दे सके। उन्होंने राज्यपाल को इस बात से अवगत कराया कि हरियाणा विधानसभा देश की ऐसी पहली विधानसभा है, जिसमें विधायी प्रारूपण के लिए अपने सचिवालय व अन्य विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए विधायी प्रारूपण पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया है। उन्होंने बताया कि लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया था।
बिरला हरियाणा की 15वीं विधानसभा गठन के बाद पिछले एक साल में चार बार हरियाणा विधानसभा के लिए दौरा कर चुके हैं। बिरला पहले विधायकों के लिए ओरियंटेशन, दूसरी बार हरियाणा विधानसभा के सचिवालय के कर्मचारियों व अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में, तीसरी बार देश के सभी शहरी स्थानीय निकायों के मेयरों के लिए आयोजित गुरुग्राम के मानेसर में हुए कार्यक्रम में और चौथी बार इस विधायी प्रारूपण कार्यक्रम में उपस्थित हुए हैं और हर कार्यक्रम में उन्होंने प्रेरणादायक उद्बोधन दिया है।
महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति प्रो. राम शिंदे ने कहा कि विधायी प्रारूपण प्रशिक्षण एक अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम होता है, जिसकी भाषा व शैली लोकतंत्र में आम जन के लिए कानून तैयार करने में उपयोगी होती है और यह समाज को नई दिशा देने का काम करती है। उन्होंने कहा कि अच्छा कानून विधायिका व कार्यपालिका को और मजबूत करने का काम करता है। विधायी प्रारूपण केवल नीति प्रक्रिया ही नहीं है बल्कि इसे कला और विज्ञान भी कहा गया है। हरिय़ाणा विधायनसभा के उपाध्यक्ष डा. कृष्ण लाल मिड्ढा ने कहा कि विधायी प्रशिक्षण अधिकारियों व कर्मचारियों को केवल ज्ञान व निपुणता में ही नहीं बल्कि दक्षता, आत्मविश्वास से नए विचारों को अपनाने का माध्यम बनेगा।
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(Udaipur Kiran) शर्मा
