
नैनीताल, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित डीएसबी परिसर नैनीताल में शनिवार को छात्र संघ चुनाव का मतदान व मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए। अध्यक्ष पद पर करण सती ने 1466 मत पाकर अपने प्रतिद्वंद्वी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तनिष्क मेहरा को हराया, जिन्हें 1217 मत प्राप्त हुए। उपाध्यक्ष पद पर दिनेश चन्द्र ने 2061 मत पाकर विजय हासिल की।
छात्रा उपाध्यक्ष पद पर तनीषा जोशी 1748 मत पाकर विजयी रही। संयुक्त सचिव पद पर जयवर्धन चन्द्र 1290 मत पाकर जीते, जबकि सांस्कृतिक सचिव पद पर भावेश विश्वकर्मा ने 1522 मत हासिल कर सफलता प्राप्त की। कला संकाय प्रतिनिधि पद पर करण कुमार ने 1301 मत प्राप्त कर जीत दर्ज की।
उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में कुल 18 पदों में से 12 पदों पर 18 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। जबकि 6 पदों पर पहले ही निर्विरोध निर्वाचन हो गया था और शेष सभी 6 पदों पर 2-2 यानी कुल 12 प्रत्याशियों में मुकाबला था। छह पदों के लिए मतदान निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक 15 कक्षों में आयोजित हुआ। 3 बजे से 15 टेबलों पर मतगणना की गयी और इसके बाद परिणाम घोषित किए गये। निर्वाचत पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई।
चुनाव अधिकारी प्रो. अमित जोशी तथा पर्यवेक्षक प्रो. डीएस बिष्ट ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण रही। चुनाव आयोजन में प्रो. ललित तिवारी, प्रो. रजनीश पांडे, प्रो. चित्रा पांडे, प्रो. आरसी जोशी, प्रो. हरीश बिष्ट, प्रो. जीत राम, प्रो. नीलू, प्रो. सुषमा, प्रो. गीता, डॉ. दीपिका पंत, डॉ. नंदन मेहरा, डॉ. निधि, डॉ. महेश आर्य, डॉ. रितेश साह, डॉ. मनोज बिष्ट सहित अनेक प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने सहयोग प्रदान किया।
निर्विरोध निर्वाचन
नैनीताल। महासचिव पद पर आयुष आर्य, कोषाध्यक्ष पद पर शिवेश कुमार, विज्ञान संकाय प्रतिनिधि पद पर वेदांत पांडे, विधि संकाय प्रतिनिधि पद पर याशिका करगेती, जैवविज्ञान संकाय प्रतिनिधि पद पर अतुल रावत और विश्वविद्यालय प्रतिनिधि पद पर आशीष कबड़वाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष का पहला निर्णय-29 व 30 को अवकाश घोषित
नैनीताल। डीएसबी परिसर नैनीताल के नवनिर्वाचित अध्यक्ष करण सती ने जीत के बाद पहला निर्णय लेते हुए आगामी 29 व 30 को परिसर में अवकाश घोषित कर दिया है।
यह रहे अध्यक्ष पद पर जीत-हार के कारण
नैनीताल। अध्यक्ष पद जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी तनिष्क मेहरा के पक्ष में सर्वाधिक पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता खुले तौर पर चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे, लेकिन सूत्रों के अनुसार सत्तारूढ़ दल के कई लाभ के पद प्राप्त नेता खुले तौर पर काले झंडे के बैनर तले चुनाव में उतरे करन सती के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे। साथ ही चुनाव अभाविप के भगवा झंडे और भगवा झंडे के विरोधियों का प्रतीक बन गये काले झंडे के बीच में था और उसे कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई एनएसयूआई का भी खुला समर्थन था। ऐसे में जब सत्तारूढ़ दल के नेता भी उस ओर हो गये तो जीत का पलड़ा उस ओर ही झुक गया।
गौरवशाली इतिहास: दो बार छात्र संघ अध्यक्ष और दो बार सांसद रहे डॉ. महेंद्र पाल
नैनीताल। कुमाऊं विवि छात्र संघ चुनाव का गौरवशाली इतिहास रहा है। 1971 में प्रारंभ हुए चुनाव से अब तक यहां से कई छात्र नेता सांसद, विधायक, ब्लाक प्रमुख और नगर पालिका अध्यक्ष बनकर उभरे हैं। कुमाऊं विवि के प्रतिष्ठित डीएसबी परिसर (पूर्व नाम डीएसबी कॉलेज) के छात्र संघ चुनाव का गौरवशाली अतीत रहा है। यहां छात्र संघ का पहला चुनाव 1971 में हुआ था, तब और 1972 में जीते महेंद्र पाल कुमाऊं विवि छात्र संघ चुनाव के इतिहास में दो बार अध्यक्ष बनने के साथ दो बार सांसद बनने वाले इकलौते छात्र नेता भी रहे हैं। इनके अलावा विवि के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे डा. नारायण सिंह जंतवाल नैनीताल व मोहन बिष्ट लालकुआं के विधायक जबकि डॉ. हरीश बिष्ट भीमताल, प्रकाश बोरा व शेर सिंह नौलिया ब्लाक प्रमुख ओखलकांडा, भगीरथ लाल चौधरी रामनगर व सचिन नेगी नैनीताल के नगर पालिका अध्यक्ष बने।
कब कौन रहे अध्यक्ष
1972 में किशन पांडे, 1973 में जीवन नेगी और 1974 में पुनः महेंद्र पाल फिर से अध्यक्ष बने। 1975 व 1976-77 में आपातकाल के दौरान चुनाव नहीं हुए। आगे 1977-78 में रामनगर के पूर्व पालिकाध्यक्ष भगीरथ लाल चौधरी, फिर शेर सिंह नौलिया, प्रकाश बोरा, डॉ. अजय अरोड़ा, डॉ. नाारायण सिंह जंतवाल, भूपाल सिंह भाकुनी, कुलदीप बिष्ट, प्रकाश पांडे, हरीश बिष्ट, गंगा सिंह अधिकारी, डॉ. सुरेश डालाकोटी, मोहन गिरि गोस्वामी, राजेंद्र खनवाल, डॉ. अनिल कपूर ‘डब्बू’, पुश्किन फर्त्याल, गिरिजा पाठक, हरदयाल सिंह जलाल, दिनेश मेहता, अभय बिष्ट, डॉ.गणेश उपाध्याय, संजय बिष्ट, मोहन बिष्ट, लवेंद्र चिलवाल, अभिषेक कनवाल, अनुपम कबड़वाल, दीपक रुवाली, अरविंद पडियार, नरेंद्र बिष्ट, हिमांशु पांडे, सचिन नेगी, नितिन कार्की, सुंदर मेहरा, शिवम राठौर, सौरभ रावत, सुरेंद्र बिष्ट, मयंक बिष्ट, दिग्विजय बिष्ट, पंकज भट्ट, दिग्विजय मेहरा, अभिषेक मेहरा, महेश मेहरा, विशाल वर्मा, शिवम बिष्ट आदि छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। उल्लेखनीय है कि इस बीच कोरोना काल में 3 वर्ष और पिछले साल अधूरे कोर्स और सेमेस्टर परीक्षाओं की वजह से छात्रसंघ चुनाव नहीं हो सके थे जबकि उससे पहले आपातकाल के दौर में दो साल तक छात्रसंघ चुनाव भी प्रतिबंधित कर दिए गए तो तीन साल तक कोविड काल में भी चुनाव नहीं हो सके।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
