
धमतरी, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । सीताफल की मिठास और सुगंध ने इस बार सितंबर माह में ही बाजार को रौनक से भर दिया है। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला का बरारी गांव, जो सीताफल के लिए प्रसिद्ध है, वहां से सीताफल की आवक शुरू हो गई है। रूद्री रोड स्थित लक्ष्मी निवास चौक पर सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है और फल देखते ही लोग खरीदने से नहीं चूक रहे।
बरारी की महिलाएं त्रिवेणी बाई और सुरूति बाई ने बताया कि इस बार फसल पखवाड़े भर पहले ही आ गई है। गांव के लगभग हर घर में सीताफल का वृक्ष है, जिसकी वजह से बरारी का नाम ही सीताफल से जुड़ गया है। रायपुर, दुर्ग और आसपास के शहरों में भी यहां के सीताफल की खूब मांग रहती है। बड़े आकार और लजीज स्वाद के कारण इसकी कीमत 100 से 300 रुपए प्रति टोकरी तक पहुंच गई है। लक्ष्मी मंडावी, दूजबाई साहू और सरस्वती कुंजाम जैसी महिलाएं रोज सुबह फल इकट्ठा कर बाजार में बेचने आती हैं। करीब 30 परिवार सीताफल की बिक्री से दिवाली तक का खर्च निकाल लेते हैं।
“बरारी का सीताफल” अब एक पहचान बन चुका है, और बाहर से आने वाले ग्राहक भी इसे खरीदने पहुंचते हैं। आयुर्वेदाचार्य डॉ. अवध पचौरी बताते हैं कि सीताफल न सिर्फ स्वादिष्ट बल्कि सेहत के लिए भी अमृत समान है। इसमें फाइबर, कैल्शियम, विटामिन सी, बी-6 और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह कब्ज दूर कर आंतों की सफाई करता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। बरारी का सीताफल इन दिनों धमतरी बाजार की शान बन चुका है और ग्राहकों की रौनक बता रही है कि आने वाले दिनों में इसकी मिठास और भी बढ़ेगी।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
