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अब्बास अंसारी गैंग के नवनीत, शाहबाज और फिरोज खान की गैगस्टर एक्ट में एफआईआर रद्द

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

प्रयागराज, 27 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अब्बास अंसारी गैंग के नवनीत सचान, शाहबाज आलम व फिरोज खान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में चित्रकूट के कर्वी कोतवाली में 3 अगस्त 24 को दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है।

कोर्ट ने यह आदेश गैंग चार्ट तैयार करने व पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक में चर्चा कर अनुमोदित करने में नियम 5(3)ए का पालन करने के आधार पर यह आदेश दिया है। कोर्ट ने जारी गैर जमानती वारंट भी रद्द कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में लोक व्यवस्था भंग करने पर विस्तृत ब्योरे के साथ चर्चा नहीं की गई। केवल फारमेलिटी की गई है। एफआईआर में भी विस्तृत विवरण नहीं दिया गया है। इसलिए गैंग चार्ट तैयार करने की कार्यवाही दूषित है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने नवनीत सचान, शाहबाज आलम व फिरोज खान की गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर की वैधता चुनौती याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता डी एस मिश्र, अभिषेक मिश्र, सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व अन्य ने बहस की।

याची अधिवक्ताओं का कहना था कि गैंग चार्ट तैयार करने में नियमों की अनदेखी की गई। अपराध का डिटेल नहीं दिया गया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक में चर्चा नहीं की गई। 10 फरवरी 23 को दर्ज एफआईआर में याची नामित नहीं था।

गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर के अनुसार चित्रकूट जेल में बंद गैंग लीडर अब्बास अंसारी से उसकी बीबी निखत बानो ने 10 फरवरी 23 को अवैध घंटों लंबी मुलाकात की। सूचना मिलने पर जिलाधिकारी चित्रकूट ने जेल जाकर बैरक देखा, अंसारी बैरक में नहीं मिला। बैरक में दो मोबाइल फोन, ज्वेलरी, 12 सऊदी रियाल, बरामद किया गया। अब्बास को नैनी जेल भेज दिया गया। इसके बाद उसे 14 फरवरी 23 को कासगंज जेल भेज दिया गया।

सरकार की तरफ से कहा गया कि नवनीत सचान जेल अधिकारियों को पैसे भेजता था। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक में चर्चा के बाद गैंग चार्ट तैयार किया गया। 29 अगस्त 24 को गैंग चार्ट अनुमोदित किया गया। नियमानुसार कार्रवाई की गई है किंतु कोर्ट ने नहीं माना और कहा गैंग चार्ट तैयार करने में नियमों का पालन नहीं किया गया। इसलिए कार्यवाही अवैध है और गैंगस्टर एक्ट की 31 अगस्त 24 की एफआईआर रद्द कर दी।

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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