
मीरजापुर, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जनपद मीरजापुर ने पूरे उत्तर भारत में पहला स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार और मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार के नेतृत्व में चलाए गए कैच द रेन अभियान के तहत संभव हुई है। इस सम्मान के साथ ही जिले को दो करोड़ रुपये का पुरस्कार भी मिलेगा, जिसका उपयोग आगे के विकास कार्यों में किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि अभियान के तहत मनरेगा योजनान्तर्गत तालाबों की खुदाई, सिल्ट सफाई, खेत तालाब निर्माण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, बंधी निर्माण, नाला व छोटी नदियों की सफाई और सोख पिट निर्माण जैसे कार्य किए गए। इन प्रयासों से गिरते हुए भू-गर्भ जल स्तर को रोकने और उसे बढ़ाने में सफलता मिली।
जनपद के सबसे अधिक क्रिटिकल ब्लॉक कोन में एक वर्ष में भू-गर्भ जल स्तर को एक मीटर तक बढ़ाया गया, जो जल संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि है। वहीं विकास खंड सिटी में 16.76 किलोमीटर लंबी लोंदही नदी की सिल्ट सफाई कर उसकी दशा में सुधार किया गया। इसके अलावा लोवर खजुरी, चकडैम, हाफ में बैंडिंग तालाब जैसे कई निर्माण और जीर्णोद्धार कार्य पूरे किए गए।
जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने कहा कि जल संरक्षण केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक का दायित्व है। इस उपलब्धि से प्रेरणा लेकर आने वाले समय में जिले में और भी बड़े स्तर पर जल संरक्षण के प्रयास किए जाएंगे। इस सम्मान ने मीरजापुर को न केवल राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाई है, बल्कि जिले को जल संरक्षण का मॉडल जिला भी बना दिया है।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
