Jammu & Kashmir

बारामूला जिला मजिस्ट्रेट ने लचिपोरा वन्यजीव अभयारण्य के पास खनन बंद करने का दिया आदेश

बारामूला , 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । बारामूला के ज़िला मजिस्ट्रेट ने सर्वाेच्च न्यायालय के एक निर्देश का हवाला देते हुए लचीपोरा वन्यजीव अभयारण्य के पास खनन कार्यों को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है। सर्वाेच्च न्यायालय ने संरक्षित वनों के एक किलोमीटर के दायरे में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश वन्यजीव वार्डन उत्तरी कश्मीर संभाग सोपोर द्वारा यह रिपोर्ट दिए जाने के बाद आया है कि उडी और बोनियार उपखंडों में कई जिप्सम इकाइयाँ प्रतिबंधित क्षेत्र में चल रही हैं।

इस वर्ष फरवरी में सर्वाेच्च न्यायालय ने पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों और अभयारण्य की सीमाओं के एक किलोमीटर के भीतर खनन गतिविधियों को अवैध बताते हुए उन्हें तत्काल बंद करने का आदेश दिया था। इस पर कार्रवाई करते हुए बारामूला प्रशासन ने स्थानीय जिप्सम इकाइयों के स्थानों का सत्यापन किया और पाया कि दारा गुटलियान, दचिना सलामाबाद, बागना, नलुसा, ज़म्बूर पाटन और जबाडोर की इकाइयों सहित 14 ऐसी खदानें प्रतिबंधित क्षेत्र में आती हैं।

ज़िला मजिस्ट्रेट ने कहा कि आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए। बारामूला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, उडी के उप-जिला मजिस्ट्रेट, उडी और बोनियार के तहसीलदार, ज़िला खनिज अधिकारी और वन एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि यह उपाय लचिपोरा वन्यजीव अभयारण्य की पारिस्थितिक अखंडता की रक्षा और सर्वाेच्च न्यायालय के फैसले का पूरी तरह से पालन करने के लिए है। हालाँकि इस कदम से क्षेत्र में जिप्सम खनन गतिविधियों पर असर पड़ने की आशंका है। अधिकारियों ने कहा कि पर्यावरणीय सुरक्षा और कानूनी अनुपालन व्यावसायिक हितों से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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