Haryana

झज्जर : नशे के खिलाफ जटेला धाम से संतों का शंखनाद

समारोह में मौजूद लोगों को नशा मुक्ति का संकल्प दिलाते महंत राजेंद्र दास और अन्य प्रमुख लोग।

झज्जर, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जिले के माजरा गांव में दिवाला तीर्थ स्थान से नशा मुक्त भारत अभियान के तहत शनिवार को संघ प्रचारक पवन कुमार, स्वीटी मलिक, सोनू पहलवान व सुरेंद्र पहलवान की रहनुमाई में साइकिल रैली निकाल कर नशे को ना और जिंदगी को हां का नारा लगाते हुए हर गली मोहल्ले में नशा न करने की दस्तक दी गई। जटेला धाम आश्रम में नशा मुक्ति सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए महंत राजेंद्र दास ने कहा कि नशा केवल व्यक्ति का ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज का जीवन बिगाड़ देता है। नशे की लत इंसान से उसकी सोचने-समझने की शक्ति छीन लेती है और धीरे-धीरे उसे बीमारी, गरीबी और अपमान की ओर धकेल देती है। नशा पंजाब की खुशहाली व समृद्धि को खा गया। संत नितानंद महाराज ने भी भांग, सुल्फा, अफीम और हर प्रकार के नशे से समाज को दूर रहने के लिए अपने संत साहित्य के माध्यम से सचेत किया है।

महंत राजेंद्र दास ने कहा कि आज समाज में युवाओं को नशे के दलदल में फँसाने की साज़िशें चल रही हैं। शराब, तंबाकू, सिगरेट और अन्य मादक पदार्थ सबसे पहले बढिया लगते हैं परंतु समय के साथ यही आकर्षण विनाश का कारण बन जाता है। युवावस्था ऊर्जा और सपनों का समय है, इसे नशे में गँवाना सबसे बड़ी मूर्खता है। महंत ने उपस्थित युवाओं से आह्वान किया कि वे संकल्प लें कि जीवनभर नशे को हाथ भी नहीं लगाएंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और भारतीय मजदूर संघ के उतर क्षेत्र के संगठन मंत्री पवन कुमार ने कहा कि नशा संघ द्वारा समाज व देश के कल्याण के लिए चलाए गए पंच परिवर्तनों में भी सबसे बड़ी बाधा है। पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता व स्वदेशी अपनाओ की मुहिम में नशा सबसे बड़ी बाधा है। नशा परिवार को तबाह करने में सबसे घातक है। इसी प्रकार पर्यावरण में भी नशा सामाजिक प्रदूषण का काम करता है। मनुष्य नशे की लत के कारण नागरिक कर्तव्य को भूल जाता है और नागरिक कर्तव्य देश की भलाई के लिए आवश्यक है। नशे से सामाजिक समरसता की कल्पना को भी ग्रहण लगता है। नशा हमें भारत बोध से दूर रखता है व स्वदेशी की हम कल्पना नहीं कर सकते।

महंत स्वरूप नाथ महाराज ने कहा कि भारत की संस्कृति हमेशा से संयमए सदाचार और तपस्या पर आधारित रही है। यदि हम अपनी परंपरा और मूल्यों को याद रखें तो नशे जैसी बुराई कभी हमें छू भी नहीं सकती। समारोह के विशिष्ट अतिथि सत्र न्यायाधीश जेपी कोशिक ने कहा कि नशा समाज व पर्यावरण का सबसे हानिकारक घटक है। नशे से मानवता का अस्तित्व भी संकट में पड़ सकता है। उन्होंने नशे के खिलाफ इस अभियान को भी पौधारोपण अभियान की तरह अपनाने की अपील की। नशा मुक्ति अभियान की मुख्य नायक स्वीटी मलिक ने कहा कि भारत में अब नशे के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है, मैं 6000 किलोमीटर की नशा मुक्ति यात्रा करते हुए जटेला धाम में पंहुची हूं। इस मौके पर दादरी नगर पालिका के चेयरमैन बख्शी सैनी सहित बड़ी संख्या में साध संगत उपस्थिति रही।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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