
बांदा, 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जेल में निरूद्व दुष्कर्म के आरीपी बंदी ने जेल से निकलते ही कांच पाउडर पी लिया। पेशी की दौरान हालत बिगड़ने पर पुलिस कर्मियो के हाथ पांव भूल गए। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत देख उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज रेफर कर दिया।
उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में अतर्रा थाना क्षेत्र के गोखिया निवासी 37 वर्षीय विजय दुष्कर्म के आरोप में वर्ष 2023 से महोबा जेल की बैरक नंबर सात में बंद है। विजय ने बताया कि उसी बैरक में मौजूद सात अन्य कैदी उसे लगातार प्रताड़ित करते थे। विजय का कहना है कि उसने कई बार इस संबंध में जेल प्रशासन से शिकायत किया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कैदियों की प्रताड़ना से वह मानसिक रूप से परेशन हो गया। उसने जान देने का मन बना लिया था। उसने गुरूवार को कांच पाउडर पीस कर रख लिया था। शुक्रवार को उसे पेशी पर अतर्रा लाने के लिए बैरक से निकाला जा रहा था। इसी बीच उसने कांच पाउडर को पानी के साथ फांक लिया था। पेशी के दौरान उसकी हालत बिगड़ गई। तब पुलिस कर्मियो को पता चला। पुलिस ने तत्काल उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टर अभिषेक प्राणायामी ने बताया कि बंदी की हालत ठीक नहीं है। डॅाक्टरों ने उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। वहीं पुलिस और जेल प्रशासन मामले की जांच पड़ताल में जुट गए हैं।
इस संबंध में क्षेत्राधिकारी अतर्रा प्रवीण यादव ने बताया आज महोबा पुलिस द्वारा एक अभियुक्त जो जनपद महोबा कारागार में निरुद्ध है, पेशी के लिए सीजेएम कोर्ट अतर्रा लाया गया था, जहां पर अचानक उसकी तबियत खराब हो गई। तत्काल उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके द्वारा बताया गया कि उसने सुबह जेल में किन्हीं कारणों से क्षुब्ध होकर कांच पी लिया था। उसके बेहतर उपचार के लिए तत्काल उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। महोबा पुलिस व जेल अधीक्षक से समन्वय स्थापित करते हुए अग्रिम वैधानिक कार्यवाही के लिए अवगत करा दिया गया है।
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(Udaipur Kiran) / अनिल सिंह
