
रांची, 26 सितंबर (Udaipur Kiran News) । कुरमी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के विरोध में आगामी 17 अक्टूबर को आदिवासी हुंकार महारैली का आयोजन प्रभात तारा मैदान, धुर्वा में किया जाएगा। यह घोषणा शुक्रवार को रांची में आदिवासी बचाओ मोर्चा सहित विभिन्न संगठनों की धार्मिक और सांस्कृतिक संगठन की हुई बैठक में की गई।
बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए आदिवासी जन परिषद केंद्रीय अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने बताया कि कुड़मी-कुरमी जाति की ओर से एसटी बनने की मांग पूरी तरह आंदोलन मूल आदिवासियों के संवैधानिक-अधिकारों, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, आरक्षण, जमीन और आदिवासियों की गौरवशाली संघर्षशील इतिहास को हड़पने की मंशा से प्रेरित है। यह मांग आदिवासियों को हाशिए में डालने की एक बहुत बड़ी साज़िश है। उन्होंने कहा कि हम आदिवासी समुदाय के लोग किसी भी दूसरी जातियों को आदिवासी में घुसपैठ को बर्दाश्त नही करेंगे।
मौके पर अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष गीताश्री उरांव ने कहा कि आदिवासी हुंकार महारैली के लिए राज्य भर में आदिवासी समुदाय-संगठनों के साथ संपर्क स्थापित करते हुए इसकी तैयारी की जाएगी। इसके लिए राज्य के सभी आदिवासी क्षेत्रों में बैठक, जनसंपर्क, आम सभाएं की जाएंगी।
आदिवासी महासभा के देव कुमार धान ने कहा कि इस महारैली के लिए सभी आदिवासी संगठनों-सामाजिक कार्यकर्ताओं को लेकर एक तैयारी समिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हम सभी आदिवासी समुदाय-संगठनों की ओर से कुड़मी-कुरमी जाति की ओर से एसटी बनने की अनुचित मांग को लेकर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर अपनी समस्याओं को रखेगा।
उन्होंने कहा कि हम सभी आदिवासी समुदाय के लोगों, संगठनों, छात्रों-युवाओ से अपील करते हैं कि कुड़मी-कुरमी जाति की एसटी बनने की मांग और आंदोलन का ऐतिहासिक तथ्यों, मानदंडों, मानवशास्त्रियों के अध्ययन रिपोर्टों, पुरातत्वविदों की खोज, पॉपुलेशन जेनेटिक और डीएनए के आधार पर तर्कपूर्ण बातों को रखते हुए विरोध करें।
मौके पर लक्ष्मी नारायण मुंडा, बेदिया विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष शंकर बेदिया, केंद्रीय 17 सरना समिति के अध्यक्ष नारायण उरांव, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा, रवि मुंडा, राजी पड़हा प्रार्थना सभा के चंपा उरांव, खरवार भोक्ता समाज के अध्यक्ष दर्शन गंझु, भूमिज मुंडा समाज के केंद्रीय अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह सरदार सहित अन्य मौजूद थेl
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
