
कानपुर, 26 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । माता के इस खजाने के बल पर न जाने कितने भक्तों की मुरादें पूरी हुई हैं, कितनों की नौकरी लगी हैं, और कितनों के घर बने हैं। इसलिए हर नवरात्रि के शुक्रवार को यह खजाना अपने घर ले जाकर, तिजोरी में रखने से बढ़ोत्तरी बनी रहती है और किसी प्रकार की कमी नहीं आती। यह बातें शुक्रवार को माता वैभव लक्ष्मी मंदिर संरक्षक आनंद कपूर ने कही।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी नवरात्रि के शुक्रवार पर भक्तों का भारी सैलाब माता वैभव लक्ष्मी का चमत्कारी खजाना प्राप्त करने के लिए उमड़ा। भक्तों को नवरात्रि में पड़ने वाले शुक्रवार का बहुत ही उत्सुकता से इंतजार रहता है, क्योंकि माता वैभव लक्ष्मी इस दिन अपने खजाने का भंडार अपने भक्तों के लिए खोल देती हैं।
सुबह से ही भक्त लम्बी कतारों में माता के दरबार के बाहर खजाने की आस लगाए बैठे नजर आए। मंदिर की प्रातः कालीन आरती तथा पूजन के पश्चात लगातार माता का खजाना वितरण हो रहा है। हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त, माता का खजाना प्राप्त करने के लिए, दरबार में दूर-दूर के क्षेत्रों से आते हैं। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त माता का खजाना ले जाकर, अपनी तिजोरी में रखता है, माता उसके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होने देतीं।
मंदिर के पुजारी करण कपूर ने बताया कि माता वैभव लक्ष्मी का यह एकमात्र मंदिर है, जहां माता के दोनों हाथ वरद मुद्रा में हैं,अर्थात माता अपने दोनों हाथों से अपने भक्तों के लिए वैभव लुटा रही हैं। माता ने स्वप्न में एक कन्या के रूप में दर्शन देकर, यहां विराजमान होने के लिए आदेशित किया था। यही कारण है कि साक्षात धन की देवी, माता वैभव लक्ष्मी का खजाना तो भक्तों को फलीभूत होगा ही, इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं है। माता के खजाने की ओर यही आस्था, भक्तों की भारी भीड़ को खींचकर लाती है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
