
गोपेश्वर, 26 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । प्रसिद्ध पर्वतारोही एवं शिक्षाविद डा. हर्षवंती बिष्ट को 2025 के केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें गंगोत्री क्षेत्र में भोजपत्र के वनों को बचाने और भोजपत्र के नए वन विकसित करने के उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा।
गौरतलब है कि चंडी प्रसाद भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र की ओर से केदारघाटी के रामपुर-फाटा में चिपको आन्दोलन के अग्रणी नेता रहे स्व. श्री केदार सिंह रावत की याद में 2014 से यह पुरस्कार दिया जाता रहा है।
केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार चयन समिति के सचिव मंगला कोठियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि नंदा देवी शिखर पर आरोहण करने वाली पहली भारतीय महिला और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित रही डा. हर्षवन्ती बिष्ट ने पर्वतारोहण के साथ उच्च हिमालय के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए चार दशक से अधिक समय तक किए गए कार्यों के लिए चयन समिति ने डा. हर्षवंती बिष्ट को इस सम्मान के लिए चुना है।
भारतीय पर्वतारोहण संस्थान जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान की अध्यक्ष रह चुकी डा. बिष्ट ने नौवें दशक में उत्तरकाशी में उच्च शिक्षा में अध्यापन कार्य के साथ साथ गंगा के उद्गम स्थल गोमुख और भोजवासा इलाके में भोजपत्र वृक्षों का न केवल संरक्षण के लिए जन-जागरूकता का कार्य किया अपितु उच्च हिमालय के इस इलाके में नए भोजपत्र के पौधों के रोपण के साथ नए भोज वन भी विकसित किए।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को चयन समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश भट्ट की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में डा. हर्षवन्ती बिष्ट के नाम पर सहमति बनी। पुरस्कार के तहत प्रशस्ति-पत्र, अंगवस्त्र एवं नगद धनराशि दी जाती है।
(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल
