Chhattisgarh

अंबिकापुर: श्याम घुनघुटा बांध में राज्य स्तरीय बाढ़ आपदा मॉक ड्रिल, एसडीआरएफ ने दिखाया बचाव कौशल

राज्य स्तरीय बाढ़ आपदा मॉक ड्रिल
राज्य स्तरीय बाढ़ आपदा मॉक ड्रिल
राज्य स्तरीय बाढ़ आपदा मॉक ड्रिल
राज्य स्तरीय बाढ़ आपदा मॉक ड्रिल

अंबिकापुर, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । प्राकृतिक आपदाओं से समय रहते निपटने और राहत-बचाव कार्यों में दक्षता लाने के उद्देश्य से आज सरगुजा जिले के श्याम घुनघुटा बांध में राज्य स्तरीय बाढ़ आपदा से निपटने हेतु मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ/एसडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व अमला, फायर ब्रिगेड तथा पंचायत प्रतिनिधियों सहित कई विभागों की सक्रिय भागीदारी रही।

मॉक ड्रिल के दौरान काल्पनिक परिकल्पना की गई कि क्षेत्र में लगातार भारी वर्षा के कारण अचानक बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। बाढ़ के चलते आसपास के गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। इस स्थिति में विभिन्न विभागों और आपदा प्रबंधन दलों ने समन्वय स्थापित कर राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ किया।

मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न प्रकार की आपदा प्रबंधन गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। इसमें प्रभावित गांवों से लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शामिल थी। नावों और रेस्क्यू बोट्स के माध्यम से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों का सुरक्षित बचाव किया गया। डूबे हुए व्यक्ति के शव को तलाशने के लिए स्क्यूबा टीम और झग्गर का प्रयोग किया गया तथा उसे बाहर निकाला गया।

बांध टूटने से निचले हिस्से में बने घरों में मलबा भर जाने की स्थिति भी परिकल्पित की गई। इस दौरान दबे हुए व्यक्ति को मलबा हटाकर, एयर लिफ्टिंग जैक से घर को उठाकर बाहर निकाला गया और घायल व्यक्ति को स्ट्रेचर के माध्यम से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया गया।

रेस्क्यू दल ने यह भी प्रदर्शित किया कि डूबते हुए व्यक्तियों को बचाने के लिए घरों में उपलब्ध सामान्य सामान जैसे बांस-बम्बू, पानी के डब्बे, प्लास्टिक की बोतलें और डेचकी का उपयोग जीवन रक्षक साधन के रूप में किया जा सकता है। साथ ही प्राथमिक उपचार में सीपीआर और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एंबुलेंस और मेडिकल टीम को मौके पर तैनात किया गया। राहत सामग्री वितरण और आपूर्ति प्रणाली की कार्यप्रणाली का भी परीक्षण किया गया।

इस दौरान कलेक्टर विलास भोसकर ने कहा कि ऐसे मॉक ड्रिल वास्तविक आपदा की स्थिति में त्वरित, समन्वित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में अत्यंत सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों की सक्रिय भागीदारी और आम नागरिकों की जागरूकता ही आपदा प्रबंधन की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने सभी को लोगों को सतर्क रहकर आवश्यकता पड़ने मॉक ड्रिल में बताए गए नियमों का पालन करने को कहा।

अपर कलेक्टर एवं बाढ़ आपदा नोडल अधिकारी सुनील नायक ने कहा कि आज जिला सरगुजा के श्याम घुनघुटा डेम के पास बाढ़ जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस मॉक ड्रिल में यह प्रदर्शित किया गया कि बाढ़ से प्रभावित गांववासियों को किस प्रकार सुरक्षित निकाला जा सकता है। साथ ही, ग्रामीणों को यह भी दिखाया गया कि बाढ़ की स्थिति में वे अपने घरेलू बर्तनों, कैनिस्टर और जैरिकेन जैसी उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, प्राकृतिक आपदा या आपात परिस्थितियों जैसे हार्ट अटैक की स्थिति में बेसिक सीपीआर (CPR) देकर लोगों की जान कैसे बचाई जा सकती है, इसका भी अभ्यास कराया गया। मॉक ड्रिल में उपस्थित सभी प्रतिभागियों और ग्रामवासियों ने इस अभ्यास को बड़े उत्साह के साथ सीखा और इसका अनुभव किया।

जिला सेनानी एस.के. कढुतिया ने कहा जिला प्रशासन के नेतृत्व में एसडीआरएफ, होमगार्ड, फायर ब्रिगेड और नगर सेना के सभी जवानों ने मिलकर बाढ़ बचाव अभियान का अभ्यास किया। इस अभ्यास में पानी के अंदर डूबे व्यक्ति को स्कूबा डाइविंग की मदद से सुरक्षित निकालने का तरीका प्रदर्शित किया गया।

इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति या जवान पानी में बह रहा हो, तो उसे चिन-मेथड द्वारा रेस्क्यू करके सुरक्षित बाहर निकाला जाता है। ऐसे बचाव में यह सुनिश्चित किया जाता है कि व्यक्ति को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। अगर कोई व्यक्ति लगातार बहते पानी में है, तो लाइफबाय और रस्सी की मदद से उसे बचाया जा सकता है। रेस्क्यू टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में फंसे लोगों को लाइफ जैकेट पहनाकर मोटरबोट की सहायता से सुरक्षित बाहर निकाला। अभ्यास में जवानों और नागरिकों को यह भी सिखाया गया कि आपातकालीन स्थिति में उपलब्ध घरेलू या स्थानीय सामग्रीकृजैसे बांस, डेचकी, डब्बे और पानी की बोतलें का उपयोग कर डूबे हुए व्यक्ति या फंसे हुए लोगों को बचाया जा सकता है।

इस तरह के अभ्यास से न केवल जवानों और अधिकारियों की तत्परता बढ़ती है, बल्कि ग्रामीण और आम जनता भी आपदा के समय उचित बचाव तकनीक सीखकर सुरक्षित रह सकती है।

इस दौरान अपर कलेक्टर रामसिंह ठाकुर, अमृत लाल ध्रुव, सर्व एसडीएम एवं सर्व तहसीलदार, रक्षित निरीक्षक तृप्ति सिंह राजपूत, जिला सेनानी एसआई संजय गुप्ता, एसडीआरएफ प्रभारी रामलाल, एनसीसी अधिकारी नवीन त्रिपाठी, सीएमएचओ डॉ पी.एस. मार्को सहित चिकित्सा अमला एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह

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