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अब इंजीनियरिंग शाखा के काम की गुणवत्ता जांचेंगे आरएएस अधिकारी

आडरर्

जयपुर, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । बारिश के चलते शहर में सड़कों के हाल बेहाल है। जयपुर विकास प्राधिकरण की इंजीनियरिंग शाखा खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत और पेचवर्क का काम कर रही है। इस बीच इंजीनियरिंग शाखा द्वारा किए गए सड़कों के काम जांच आरएएस अधिकारियों को सौंप दी गई है। ऐसा पहली बार देखा गया है कि जब इंजीनियरों के काम की जांच प्रशासनिक अधिकारी करेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में चल रहे सड़कों की मरम्मत और पेचवर्क के काम की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे है। इसी के चलते जेडीए सचिव ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है, जिसमें जेडीए की इंजीनियरिंग शाखा द्वारा किए जा रहे सड़कोंं के काम की जांच आरएएस अधिकारियों को सौंपी गई है। इस आदेश के जारी होते ही इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारियों में असंतोष व्याप्त हो गया और वे आदेश के विरोध में उतर आए। इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारियों ने इस आदेश को लेकर उच्चाधिकारियों को आपत्ति दर्ज करवाई है। इंजिनियरिंग शाखा के अधिकारी दबी जुबान से कह रहे है कि इस प्रकार के आदेश सरासर गलत है। अगर उनके काम की जांच ही करवानी है तो किसी इंजीनियरिंग शाखा के उच्चाधिकारी या अन्य विशेषज्ञों से करवाई जा सकती थी। आरएएस अधिकारी इस काम की समझ नहीं रखते है ऐसे में उनकी जांच अपने आप में ही सवालों के घेरे में रहेंगे।

उपायुक्तों के पास पहले ही कई जिम्मेदारियां, इंजीनियरिंग शाखा के काम की कैसे करेंगे जांच

जेडीए में वर्तमान में करीब 18 जोन बने हुए है। इसमें 14 जोन के अलावा पीआरएन उत्तर प्रथम, उत्तर द्वितीय, पीआरएन दझिण प्रथम और दक्षिण द्वितीय शामिल है। खास बात यह है कि जेडीए के सभी जोन में उपायुक्त आरएएस अधिकारी लगे हुए है। इन अधिकारियों को जमीन के पट्टे जारी करने से लेकर नई योजनाएं बनाने सहित अन्य जमीन से जुड़े काम करने होते है, ऐसे में काम के बोझ के चलते इनके खुद की जिम्मेदारी ढंग से पूरी नहीं हो पा रही तो ये इंजिनियरिंग शाखा के काम की जांच वे कैसे कर पाएंगे।

10 अक्टूबर तक करना होगा सड़कों के पेचवर्क और मरम्मत करने का काम

जेडीए जयपुर में फैले सड़कों के 8000 किलोमीटर के जाल को 22 करोड़ रुपये खर्च कर मरम्मत करेगा। इसके लिए जेडीए ने 10 अक्टूबर की डेडलाइन तय की है। राजधानी में 229 मुख्य और 1968 सड़कें डीएलपी वाली है। 583 किलोमीटर लम्बी 229 मुख्य सड़कों पर 1887 गड्ढे और 2431 किमी डीएलपी की 1968 सड़कों पर 168 गड्ढे चिन्हित किए गए है। इसके अलावा कॉलोनियों और कच्ची बस्तियों की सड़कों की भी मरम्मत की जानी है। राजधानी में वर्तमान में तीन विभागों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के लिए 500 किलोमीटर लम्बी सड़कों को खोदा गया है। इन विभागों द्वारा काटी गई सड़कों को जेडीए द्वारा दुरुस्त किया जाएगा। राजस्थान विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पीएचईडी और सीवर लाइन डालने के लिए 782 किमी सड़क काटी जाएगी। बारिश से पहले या बारिश के दौरान अब तक इन विभागों द्वारा जयपुर में करीब 500 किलोमीटर सड़क खोद रखी है। इसके अलावा टोरंटो कम्पनी द्वारा गैस लाइन डालने के लिए जयपुर में 278 किलोमीटर सड़क काटी जाएगी। अब तक कम्पनी द्वारा 136 किमी सड़क कम्पनी द्वारा काटी जा चुकी है। हालाकि सड़क खोदने के बाद दुरुस्त करने का काम टोरंटो कम्पनी द्वारा ही किया जा रहा है। जयपुर में इस मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश हुई। एक जून से 9 सितंबर तक जयपुर जिले में 905 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जयपुर जिले में सामान्य से 87.73 फीसदी अधिक बारिश हुई। जयपुर में एक जून से 30 सितंबर तक सामान्य बारिश 511.93 मिलीमीटर है। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार इस सीजन में 1 जून से अब तक (8 सितंबर तक) कुल 693.1 मिमी बरसात हो चुकी है, जबकि मानसून अभी विदा नहीं हुआ है। बीते साल अब तक 624.28 मिमी बारिश हुई थी।

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(Udaipur Kiran) / राजेश

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