Haryana

हिसार : खाद्य पदार्थों में संदूषकों की पहचान अनिवार्य कदम : डॉ. शरणगौड़ा बी. पाटिल

कार्यशाला को संबोधित करते मुख्य अतिथि डॉ. शरणगौड़ा बी. पाटिल।

हिसार, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । ‘खाद्य गुणवत्ता

नियंत्रण और संदूषक जांच में द्रव्य क्रोमैटोग्राफी (लिक्विड क्रोमैटोग्राफी)’ विषय

पर एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला गुरुवार को शुरू हुई। यह कार्यशाला 27 सितंबर

तक चलेगी।

राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि डेयरी विज्ञान एवं

प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. शरणगौड़ा बी. पाटिल ने अपने संबोधन में

खाद्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने खाद्य पदार्थों में

संदूषकों की पहचान को एक अनिवार्य कदम बताया। डॉ. पाटिल ने इस बात पर विशेष बल दिया

कि लिक्विड क्रोमैटोग्राफी और विशेष रूप से हाई परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमैटोग्राफी

(एचपीएलसी) जैसी तकनीकें खाद्य गुणवत्ता नियंत्रण और संदूषकों की जांच में एक अपरिहार्य

भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि इन उन्नत तकनीकों का उपयोग करके ही हम उपभोक्ताओं

के लिए सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों को सुनिश्चित कर सकते हैं।

विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन

में आयोजित की जा रही इस कार्यशाला के आयोजन के लिए गठित समिति में अनुसंधान निदेशक

डॉ. नरेश जिंदल संरक्षक, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, डेयरी कैमिस्ट्री डॉ. सोनिया सिंधु

आयोजन अध्यक्ष, डॉ. रूबी सिवाच सहायक प्रोफेसर, डेयरी केमिस्ट्री आयोजन सचिव, डॉ. विजय

जे. जाधव, प्रोफेसर, वीपीएचई, सदस्य डॉ. तेजिंदर पाल सिंह, डॉ. वंदना चौधरी, डॉ. संदीप

कुमार दुहन, डॉ. मनेश कुमार शामिल है।

आयोजन अध्यक्ष डॉ. सोनिया सिंधु ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि व अन्य विशिष्ट

अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि इस कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों से 20 प्रतिभागी

हिस्सा ले रहे हैं। यह कार्यशाला खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण के क्षेत्र में

अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आयोजन सचिव डॉ.

रूबी सिवाच ने तीन-दिवसीय कार्यशाला के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया

कि इसे प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम

के दौरान प्रतिभागियों को क्रोमैटोग्राफी के सिद्धांतों की गहन सैद्धांतिक समझ प्रदान

की जाएगी। आयोजन सचिव डॉ. विजय जाधव ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर आईपीवीएस निदेशक

डॉ. पवन कुमार, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. राजेश खुराना व विभिन्न विभागों के

संकाय सदस्य, वैज्ञानिक व छात्र उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

Most Popular

To Top