
-चन्दन की व्यावसायिक खेती पर किसानों को दी गई जानकारी प्रयागराज, 25 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । भारतीय कृषि और वानिकी क्षेत्र में चन्दन की खेती को लेकर बढ़ते रुझान को ध्यान में रखते हुए भा.वा.अ.शि.प.-पारिस्थितिक पुर्नस्थापन केन्द्र, प्रयागराज द्वारा वन विज्ञान केन्द्र के अंतर्गत गुरूवार को चन्दन की व्यावसायिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतिभागी किसानों को चन्दन की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्र प्रमुख डॉ. संजय सिंह ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से गैर परंपरागत क्षेत्रों जैसे उत्तर प्रदेश में चन्दन की खेती को बढ़ावा देने की व्यापक योजना बनाई गई है। जिसमें किसानों के लिए चन्दन उगाने और बिक्री को सुलभ कराने के प्रयास चल रहे हैं। केन्द्र के आरम्भिक अनुसन्धान ने उत्तर प्रदेश को चन्दन की खेती के लिए उपयुक्त पाया है। उन्होंने कहा कि चन्दन की खेती से एक स्थिर आय का स्रोत मिलता है और यह पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाता है। विषय विशेषज्ञ डॉ. दीपक गोंड, सहायक प्राध्यापक, सी.एम.पी. महाविद्यालय ने व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि चन्दन, जो कि अपने सुगंधित तेल और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है, अब व्यावसायिक खेती के रूप में एक लाभकारी विकल्प बन गया है। साथ ही, इसके उपयोग से न केवल आर्थिक लाभ होता है, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी यह फसल अत्यधिक महत्वपूर्ण है। प्रगतिशील कृषक उत्कृष्ट पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में उनके द्वारा चन्दन की नर्सरी तथा रोपण सम्बन्धी अनुभव साझा किए। डॉ. दिनेश गुप्ता, सहायक प्राध्यापक, बाँदा कृषि विश्वविद्यालय ने पौधरोपण विधियों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ. अवनीश शर्मा, सहायक प्राध्यापक, बाँदा कृषि विश्वविद्यालय ने वैज्ञानिक खेती और प्रबंधन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर ने पौधशाला निर्माण एवं प्रबंधन पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम समन्वयक एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आलोक यादव ने चन्दन के रख-रखाव एवं आर्थिकी पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने चन्दन आधारित कृषिवानिकी पर समावेश पर चर्चा की। कार्यक्रम में चन्दन की उन्नत खेती, पौधों की देखभाल, जलवायु की उपयुक्तता और मृदा की विशेषताओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
मीडिया प्रभारी अंकुर श्रीवास्तव ने बताया कि केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश में चन्दन की खेती को बढ़ावा देने और किसानों को इससे जुड़ी आधुनिक जानकारी उपलब्ध कराने, कृषि आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देना रहा। कार्यक्रम में सौ से अधिक किसानों ने भाग लिया, जिन्होंने चन्दन की व्यावसायिक खेती के अवसरों और तकनीकी पहलुओं पर जानकारी प्राप्त की।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
