Uttrakhand

नवरात्र साधना सांसारिक चाहतों से आत्मिक उन्नति का मार्ग : डॉ चिन्मय

महिला  साधक
शांतिकुंज में नवरात्रि साधना

हरिद्वार, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र साधना गायत्री अनुष्ठान करने वाले साधकों को अनुवांछित सांसारिक चाहतों से मुक्त कर आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।

डॉ. पण्ड्या गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में नवरात्र साधकों के विशेष सत्संग को संबोधित करते हुए कहा कि साधना का वास्तविक फल तभी प्राप्त होता है, जब उसमें श्रद्धा, विश्वास और निष्ठा का समावेश हो। उन्होंने साधकों से आह्वान किया कि वे नवरात्र के इन दिनों को आत्मचिंतन, आत्मशुद्धि और लक्ष्य की प्राप्ति हेतु पूर्ण निष्ठा से साधना में लगाएं। डॉ. पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र देवी की उपासना का महापर्व है और यह आत्मिक जागरण और चरित्र निर्माण का उपयुक्त समय है।

उन्होंने कहा कि नवरात्र साधना के माध्यम से माँ गायत्री साधक को सतत आत्ममंथन की ओर प्रेरणा देती है, जो साधक को आत्म सुधार और आत्म निर्माण की दिशा में अग्रसर करता है।

इससे पूर्व युगगायकों ने भावपूर्ण गीत कर प्रस्तुत कर सभी को उल्लसित कर दिया। नवरात्र साधना के विशेष अवसर पर आये देशभर के साधकों ने इसे एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव बताया। इस दौरान वरिष्ठ कार्यकर्त्ता पं. शिवप्रसाद मिश्र, व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज परिवार सहित देश-विदेश से आए हजारों साधक उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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