


खड़गपुर, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।
बांगाली समाज और भारतीय संस्कृति में अपूरणीय योगदान देने वाले पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 206वीं जयंती के अवसर पर विद्यासागर विश्वविद्यालय में “विद्यासागर पुरस्कार 2025” समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षा, साहित्य, संगीत और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले पांच प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन विद्यासागर विश्वविद्यालय के विवेकानंद हॉल में हुआ। समारोह का मुख्य आकर्षण था “विद्यासागर स्मृति व्याख्यान 2025,” जिसे आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती ने प्रस्तुत किया। समारोह में प्रो. दीपक कुमार कर, कुलपति, विद्यासागर विश्वविद्यालय; पूर्व कुलपति प्रो. शिवाजी प्रतिम बसु; रजिस्ट्रार जयंत किशोर नंदी; इतिहासकार प्रोफेसर अन्नपूर्णा चट्टोपाध्याय एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
व्याख्यान में प्रो. चक्रवर्ती ने पंडित विद्यासागर के शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में अमूल्य योगदान को उजागर किया। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र का प्रगति मार्ग केवल तब संभव है जब उसके नागरिक, विशेषकर महिलाएं, शिक्षित और सशक्त हों। उन्होंने विद्यासागर के सुधारों को याद करते हुए बताया कि विधवा पुनर्विवाह, बालविवाह और बहुविवाह का उन्मूलन, तथा शिक्षा और बौद्धिक विकास के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना उनके समाज सुधार के प्रमुख पहलू थे।
प्रो. चक्रवर्ती ने शिक्षा और स्वास्थ्य को समाज के विकास की नींव बताते हुए कहा कि आईआईटी खड़गपुर महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कर रहा है।
साथ ही उन्होंने अपनी टीम के कम लागत वाले स्वास्थ्य नवाचारों का भी परिचय दिया। प्रो. चक्रवर्ती ने बताया कि तकनीक का इस्तेमाल दूर-दराज के इलाकों में मेडिकल डायग्नोस्टिक्स उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है, जहां शहरी प्रयोगशाला की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इनमें प्रमुख हैं
स्मार्टफोन आधारित एप (“Hemo-QR”) के माध्यम से घर पर ही हीमोग्लोबिन स्तर की जांच
टॉर्च जैसे उपकरण (“OroScreen”) से मुंह के कैंसर का पता लगाना
निजी स्क्रीनिंग के लिए उपकरण (“PrePap-QR”) से योनि संक्रमण का पता लगाएगा
—————
(Udaipur Kiran) / अभिमन्यु गुप्ता
