लेह, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । वरिष्ठ राजनेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सदर-ए-रियासत डॉ. करण सिंह ने लद्दाख में हाल ही में हुई अशांति पर गहरी चिंता व्यक्त की है जिसके कारण चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। गुरुवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि स्थिति ने उन्हें विचलित कर दिया है और लद्दाख के युवाओं की आकांक्षाओं पर तत्काल ध्यान देने का आह्वान किया।
डॉ. सिंह ने कहा कि 1947 से ही लद्दाख के लोग भारत के प्रति दृढ़ रहे हैं और आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षा बलों को लगातार समर्थन देते रहे हैं। हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि युवा पीढ़ी अब नाराज़ हो रही है, खासकर रोज़गार के घटते अवसरों के कारण। उन्होंने बताया कि लद्दाख में लोक सेवा आयोग की अनुपस्थिति युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर करती है जिससे उनमें असुविधा की भावना पैदा हुई है।
डॉ. सिंह ने सुझाव दिया कि संविधान की छठी अनुसूची जैसी किसी चीज़ में शामिल करना एक बेहद उचित समाधान प्रतीत होता है। उन्होंने स्थानीय आकांक्षाओं को पूरा करने वाले सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
सरकार से अपील करते हुए डॉ. सिंह ने अधिकारियों से युवाओं की मांगों पर सावधानीपूर्वक विचार करने और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए संवैधानिक प्रावधानों सहित ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर आंदोलन और गहरा सकता है जिसके लंबे समय में गंभीर सुरक्षा परिणाम हो सकते हैं।
साथ ही उन्होंने लद्दाख के लोगों से अपील की कि वे अशांति का सहारा लेने के बजाय शांत रहें और शांतिपूर्वक अपनी माँगें रखें।
डॉ. सिंह की यह अपील लद्दाख में बढ़ते तनाव के बीच आई है जहां स्थानीय लोग 2019 में इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से संवैधानिक सुरक्षा उपायों और नौकरी के अवसरों को लेकर असंतोष व्यक्त कर रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
