
देहरादून, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जौनसार जनजाति क्षेत्र के ख्यातिलब्ध लोक कलाकार डॉ. नंदलाल भारती की ओर से लिखित लोक गीतों की संग्रह पुस्तक आमारे जौनसारी गीतका दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र सभागार में लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्याल प्रो.ओपीएस नेगी ने कहा कि यह पुस्तक खिले हुए गीतों का एक सुन्दर गुलदस्ता है। गीतों को पढ़कर मालूम होता है कि नंदलाल भारती ने जौनसारी शब्दों और लोक जीवन की प्रक्रिया को सहजता से गीतों में ढाला है।
पुस्तक की जानकारी देते हुए प्रेम पंचोली ने कहा कि जौनसार की कठिन परिस्थितियों का सामना करते करते नन्दलाल भारती जैसे सख्श दूर टुंगरा गांव से देश-दुनियां में लोक संस्कृति की अलख जगाये हुए है।
पुस्तक के लेखक डॉ. नंदलाल भारती ने कहा कि मेरे लिए जौनसारी शब्दों व संदेश की गागर है, मैने यह गीत केवल मनोरंजन के लिये नहीं लिखे हैं बल्कि समाज के अलग-अलग विषय की विशेषताओ और अच्छाइयों को आम जनमानस तक पहचाने का प्रयास किया गया है। पुस्तक पर बातचीत का सत्र में लोगों की अनेक जौनसारी शब्दों पर बने संशय को लेखक डॉ. नंदलाल भारती ने स्पष्ट किया।
कार्यक्रम में चन्द्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया। इस मौके पर जन कवि डॉ. अतुल शर्मा, विजेंद्र रावत ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के दौरान लोक कलाकारों ने जौनसारी लोक गीत भी प्रस्तुत किए गए।
इस दौरान डॉ.लालता प्रसाद, ललित राणा,सुन्दर सिंह विष्ट,जगदीश बावला,कुल भूषण नैथानी, हरि चन्द निमेष सहित जौनसारी समाज से बड़ी संख्या में लोगों, संस्कृति प्रेमी, लेखक व साहित्यकार व युवा पाठक उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
