
नई दिल्ली, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने आईआईटी कानपुर को दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की अनुमति दे दी है। यह अनुमति 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 तक के लिए है। इससे देश में पहली बार कृत्रिम वर्षा का रास्ता खुल रहा है, जिसका उद्देश्य प्रदूषण कम करना और सर्दियों में लोगों को राहत देना है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि डीजीसीए ने बुधवार फिर से आईआईटी कानपुर को 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2025 के बीच दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ हमारी लड़ाई में भारत की पहली कृत्रिम वर्षा का रास्ता अब औपचारिक रूप से खुल गया है।
सिरसा ने आगे कहा, “मैंने विमान को स्टैंडबाय पर रखने के निर्देश दिए हैं। जैसे ही मौसम और वैज्ञानिक मानक अनुकूल होंगे, हम 1–11 अक्टूबर के बीच प्रारंभिक ट्रायल करने का लक्ष्य रखेंगे, ताकि लोगों को प्रदूषण से तुरंत राहत मिल सके।”
अनुमति के अनुसार आईआईटी कानपुर aircraft VT-IIT (Cessna 206H) का उपयोग करेगा और डीजीसीए के अनुमोदित मैनुअल व विनिर्देशों का पालन करेगा। पायलट के पास वैध प्रोफेशनल लाइसेंस और वर्तमान मेडिकल फिटनेस होना जरूरी है, तथा ऐसे संचालन का पूर्व अनुभव होना चाहिए।
आईआईटी कानपुर की टीम इस कार्य के लिए विमान VT-IIT (Cessna 206H) का इस्तेमाल करेगी। डीजीसीए के अनुसार, केवल लाइसेंसधारी और अनुभव प्राप्त पायलट ही यह उड़ान भरेंगे। सभी उड़ानें सुरक्षा मानकों के तहत होंगी—वीएफआर नियमों के अनुसार, एटीसी क्लियरेंस और एएआई /एयरपोर्ट प्राधिकरण के सहयोग से।
उड़ान के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्रों से बचा जाएगा। हवाई फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होगी और विदेशी चालक दल शामिल नहीं होंगे।
मंत्री सिरसा ने बताया कि मौसम और वैज्ञानिक मानकों को देखते हुए ट्रायल की कोशिश अक्टूबर और नवंबर माह के बीच की जाएगी। यह कदम दिल्ली की 24×7, सालभर चलने वाली क्लीन एयर स्ट्रैटेजी का हिस्सा है, जिसका मकसद खासकर सर्दियों में लोगों के स्वास्थ्य को प्रदूषण से बचाना है।
आईआईटी कानपुर को पहले भी अनुमति मिली थी, लेकिन जुलाई में वांछित परिणाम न मिलने की संभावना के कारण ट्रायल्स नहीं हो पाए थे। अब इस नई समय-सीमा में, उपयुक्त मौसम और सभी सुरक्षा अनुमति मिलने पर ट्रायल पूरे किए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
