नई दिल्ली, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । केंद्र सरकार ने कहा है कि वो शार्ट सर्विस कमीशन में सैन्य अधिकारियों को स्थायी कमीशन देते समय महिलाओं और पुरुषों में कोई भेदभाव नहीं करती है। केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच से ये बातें कही।
सुनवाई के दौरान ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार और सेना ने स्थायी कमीशन देते समय इसी नीति का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कुछ महिला सैन्य अधिकारियों की याचिका पर जवाब देते हउए कहा कि इन अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट लिंग निरपेक्ष था। इसमें कोई भेदभाव नहीं बरता गया। तब कोर्ट ने कहा कि महिला सैन्य अधिकारियों को ये नहीं लगना चाहिए कि उनकी स्थायी कमीशन पर विचार नहीं किया जाएगा। तब भाटी ने कहा कि ये एक छवि बनायी गयी है लेकिन 1991 से लेकर अब तक के आंकड़े बताते हैं कि महिला सैन्य अधिकारियों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया।
17 फरवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं के कमांडिग पदों पर स्थायी कमीशन देने का आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महिलाओं को युद्ध के सिवाय हर क्षेत्र में स्थायी कमीशन दिया जाए।
(Udaipur Kiran) /संजय
—————
(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
