


मीरजापुर, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन बुधवार को विंध्याचल धाम में मां विंध्यवासिनी के चंद्रघंटा स्वरूप की भव्य और विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। पर्वत श्रृंखला और गंगा तट पर विराजमान मां विंध्यवासिनी के इस स्वरूप को श्रद्धालुओं ने विशेष आस्था और भक्ति भाव के साथ निहारते हुए पुष्प-अर्पण, दीप-प्रज्वलन और मंत्रोच्चारण से पूजा की।
मंदिर परिसर में सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। भक्तों की सुविधा के लिए विभिन्न मार्गों पर सूचना बोर्ड और गाइड तैनात किए गए थे। सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे और मंदिर प्रांगण भक्ति-संगीत और आरती की मधुर ध्वनियों से गुंजायमान रहा।
जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने मां कालीखोह मन्दिर व मां अष्टभुजा देवी मन्दिर का निरीक्षण किया। उन्होंने साफ-सफाई, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि ड्यूटी पर तैनात सभी अधिकारी और कर्मचारी इसे केवल जिम्मेदारी न समझें, बल्कि सेवा भाव के साथ आने वाले श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन कराएं। इस दौरान जिलाधिकारी ने मंदिर परिसर में दुकानदारों से वार्ता की और खुद भी खरीददारी कर श्रद्धालुओं के साथ घुलमिलकर सेवा भाव का उदाहरण प्रस्तुत किया।
मंत्रोच्चारण और भक्तजन के हर्षोल्लास के बीच चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा सम्पन्न हुई। पुजारियों ने भक्तों को बताया कि इस स्वरूप की पूजा विशेष रूप से भय और संकट निवारण के लिए की जाती है। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने कहा कि नवरात्र पर्व के दौरान भक्ति और आस्था के साथ सुरक्षा एवं सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
आज के दिन विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे मां चंद्रघंटा के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे और अपने मनोकामना पूर्ति की कामना के साथ पुष्प और प्रार्थना अर्पित की। विंध्याचल धाम में नवरात्र पर्व का यह तीसरा दिन भक्तिभाव और श्रद्धा का अद्भुत संगम बना रहा।
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
