
जबलपुर, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के खण्डवा जिला न्यायालय में पदस्थ एक महिला मजिस्ट्रेट के साथ अभद्रता करने वाले वकील को राहत मिली है और यह राहत उन्हें हाई कोर्ट में अपना जवाब चार सप्ताह में पेश करने की मोहलत के रूप में दी गई है। अधिवक्ता हृदयेश बाजपेयी ने उन्हें दोबारा नोटिस जारी होने के बाद अपना पक्ष चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच के सामने हाजिर होकर रखा।
उल्लेखनीय है कि खण्डवा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा भेजी गई जानकारी में कहा गया है कि वहां पर पदस्थ महिला मजिस्ट्रेट की अदालत में 22 अप्रैल 2025 को चेक बाउन्स से संबंधित मुकदमे की सुनवाई होना थी। पहले राउण्ड में पुकार लगवाने के बाद भी एक पक्ष के वकील हृदयेश बाजपेयी हाजिर नहीं हुए। दोपहर 3 बजे दोबारा हुई सुनवाई के दौरान वकील हृदयेश बाजपेयी आए तब महिला जज ने उन्हें तलवाना पेश करने कहा। महिला जज का कहना था कि वर्ष 2023 से लंबित मामले में एक बैंक मैनेजर की गवाही होना है। यदि वे तलवाना दे देते हैं तो मैनेजर को बुलाकर उनकी गवाही हो जाएगी।
इसी बात को लेकर वकील बाजपेयी नाराज हो गए और उन्होंने महिला जज से अभद्रता करते हुए बात की थी। इस मामले में वकील हृदयेश बाजपेयी से बेंच ने कहा कि वह लिखित में अपना जवाब चार सप्ताह के भीतर दाखिल करे। मामले की अगली सुनवाई 10 नवम्बर को निर्धारित करके बेंच ने अनावेदक वकील को फिर से हाजिर रहने कहा है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
