
उमरिया, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले का विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जहाँ बाघों के लिए प्रसिद्ध है वहीं हाथियों का भी अपना अलग स्थान है। ऐसे में पर्यटकों के लिए पार्क खुलने से पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की पिकनिक शुरू हो गई है। 7 दिन चलने वाली हाथियों की पिकनिक में हाथियों से किसी प्रकार का कोई भी कार्य नहीं लिया जाएगा इतना ही नहीं हाथियों की मालिश, उनको नहवना, तेल लगाना एवं पसंदीदा भोजन देने के बाद हाथियों को विचरण के लिए जंगल में छोड़ दिया जाएगा। पशु चिकित्सकों की टीम हाथियों के स्वास्थ्य की जांच करने के साथ उनके ब्लड सैंपल लेकर लैब भेजेगी जिससे कि उनके स्वास्थ्य की जांच रिपोर्ट प्रबंधन को मिल सके।
जानकारी के लिाए बता दें कि बांधवगढ़ में 12 हाथियों के साथ तीन शावक भी हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सबसे बुजुर्ग हाथी गौतम 79 वर्ष का है, जबकि गंगा की उम्र एक वर्ष है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इन हाथियों से विभागीय कार्य लिये जाते हैं जैसे जंगल ट्रैकिंग के साथ रेस्क्यू और गश्त में हाथियों की मदद ली जाती है। ताला परिक्षेत्र के जंगलों में हाथियों की पिकनिक होती है जिसमें हाथियों को सबसे पहले नहलाया जाता है। चरण गंगा नदी में इन्हें महावत नहलाते हैं उसके बाद इन्हें तेल से मालिश कराई जाती है फिर डॉक्टर की टीम इनका स्वास्थ्य की जांच करती है और उसके बाद इन्हें लाइन में खड़ा करने के साथ इनकी आवभगत शुरू होती है जिसमें इन्हें सबसे पहले गन्ना और मनपसंद फल और रोटी दी जाती है सात दिन की पिकनिक के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन विशेष इंतजाम करता है।
टाइगर रिजर्व प्रबंधन पिकनिक में आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी बुलाता है और बच्चे बड़े बुजुर्ग सभी हाथियों को अपने हाथों से फल खिलाते हैं टाइगर रिजर्व प्रबंधन का उद्देश्य रहता है कि हाथी और वन्य प्राणी मानव से जुड़े हुए हैं। इनका संरक्षण करना चाहिए। हाथियों के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए सैंपल जबलपुर के साथ हाथियों के महावतों को भी हाथी विशेषज्ञ जानकारी देते हैं।
कलकत्ता से आये पर्यटक ने बताया कि मैं अक्सर आता रहता हूं और बुधवार से जो महोत्सव हो रहा है यहाँ हाथियों और महावतों को बुलाकर जो उनका सम्मान और हाथियों को पूजा जाता है फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का बहुत ही अच्छा कदम है, इससे लोगों को पास में लाया जाता है और लोग हाथी को नजदीक से देखते हैं मैंने भी आज इनको केला खिलाया है, बहुत अच्छा लगा पहली बार जिंदगी में यह किया हूं, कोलकाता के पास नॉर्थ बंगाल में बहुत हाथी है मगर इतने पास से हम नहीं देख पाते हैं आज बहुत अच्छा लगा।
वहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी महोत्सव मनाया जा रहा है और आज बड़े सौभाग्य की बात है कि हमारे बीच में 15 है हाथी है, जो हमारे कैंपो में वन्य प्राणी की सुरक्षा उनकी पेट्रोलिंग में काफी सहयोग करते हैं।
हमारे यहां 9 नर हाथी हैं और 6 मादा हाथी हैं, यह रिज्यूमरेशन कैंप हम लोग आयोजित कर सकते हैं, ताकि उनको अच्छा खाना और विश्राम मिल सके और उनके स्वास्थ्य का परीक्षण हो सके साथ ही उनके साथ जो चारा कटर और महावत लगातार काम करते हैं उनको भी आराम मिल सके, उनका आपस में मिलने जुलने का अवसर मिले एवं हाथी के प्रबंधन में जो नई-नई तकनीक आ रही है। उसे विषय में भी उनको अवगत कराया जा सके, इसलिए हम लोग यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित करते हैं और आज अत्यंत गौरव का विषय है कि इस वर्ष फिर से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है, इन 7 दिनों में उनके लिए विशेष यह होता है कि उनकी पसंद का फल फूल और खाद्य पदार्थ इनको दिया जाता है इनको विश्राम दिया जाता है उनके ब्लड सैंपल के लिए जबलपुर से विशेष टीम आती है जो कि उनके स्वास्थ्य का परीक्षण कर उनकी स्थिति बतलाती है इतना ही नहीं हमारी सीएमएचओ से बात हो गई है डॉक्टरों की टीम भी आएगी जो हमारे चारा कटर और महावतों के भी स्वास्थ्य का परीक्षण करेगी, इन 7 दिनों के विश्राम के बाद हाथियों में भी वही एक्टिविटी होती है।
जैसे कि किसी व्यक्ति को विश्राम दिया जाता है और उसके बाद जब वह ड्यूटी पर आता है तो पूर्ण ऊर्जा के साथ काम करता है वही हाथियों के साथ भी देखा गया है और आने वाले समय में यह भी बहुत अच्छा काम करते हैं।
(Udaipur Kiran) / सुरेन्द्र त्रिपाठी
