कोलकाता, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की अदालत ने अनिकेत महतो की रायगंज मेडिकल कॉलेज में तैनाती को रद्द कर उन्हें तत्काल आरजीकर मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग में वरिष्ठ रेजिडेंट के रूप में नियुक्त करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार का यह आदेश तर्कसंगतता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है और इसमें गंभीर गलती हुई है।
आरजीकर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की बलात्कार-हत्या के बाद आंदोलन के प्रमुख चेहरों में शामिल अनिकेत महतो ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अदालत का निर्णय साबित करता है कि राज्य सरकार द्वारा उनका तबादला राजनीतिक कारणों से किया गया था और न्याय की जीत हुई है।
पत्रकारों से बातचीत में उन्हाेंने कहा कि यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है, बल्कि उन सभी की जीत है जिन्होंने अन्याय का विरोध करते हुए राज्य प्रशासन का सामना किया। हाईकोर्ट ने सही सवाल उठाया कि 871 डॉक्टरों में से केवल दो को ही क्यों ट्रांसफर किया गया और एसओपी का उल्लंघन क्यों हुआ।
महतो ने कहा कि वह पिछले चार माह से न्याय का इंतजार कर रहे थे और अंततः सच सामने आया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की ओर से परेशानियां अब भी जारी हैं, लेकिन वे इससे डरेंगे नहीं।
महतो के वकील ने अदालत में दलील दी थी कि राज्य सरकार ने मेरिट आधारित चयन प्रक्रिया की अवहेलना कर आंदोलन में सक्रिय डॉक्टरों को निशाना बनाया और दूरदराज अस्पतालों में भेजकर उन्हें ‘सजा स्वरूप’ पोस्टिंग दी। उन्हें यह सजा इसलिए दी गई क्योंकि आरजी कर में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ खड़े हुए आंदोलन के नेताओं में से एक थे। वकील ने बताया कि महतो ने आरजीकर कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग में खाली पदों के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग ने कम मेरिट वाले उम्मीदवार को चुन लिया।———————-
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
