
बिलावर, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।
संस्कृति मंत्रालय सरकार के तत्वावधान में 2-दिवसीय माँ सुक्राला दुग्गर संस्कृति महोत्सव 2025। बिलावर के सुकराला में पहली बार हुआ जिसने बिलावर-सुकराला बेल्ट के हजारों भक्तों और स्थानीय लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
महोत्सव का उद्देश्य सुकराला माता के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को महिमामंडित करना था जिसे मल्ल देवी के नाम से जाना जाता है जो शारदा देवी का अवतार है, जो पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर और निकटवर्ती हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों के डोगराओं की कुलदेवी के रूप में भी पूजनीय हैं।
इसके अलावा प्राचीन बिल्केश्वर शिव मंदिर बिलावर के महत्व पर प्रकाश डालना है जिसका निर्माण पांडवों ने अपने निर्वासन (अगेहतबास) के दौरान बेलपत्र की पत्तियों से किया था। डॉ. एमएल डोगरा अध्यक्ष (बीएलएसकेएस) द्वारा 30-40 प्रतिष्ठित कलाकारों के बेड़े के साथ डिजाइन और तैयार किए गए विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम ने उन स्थानों से भक्तों सहित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया जो लुप्त होने के कगार पर हैं।
कलाकारों ने स्थानीय बोली में कालीवीर की कथा सुनाकर इस क्षेत्र की लुप्त होती कला और लोक संस्कृति को पुनर्जीवित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। माता सुकराला मंदिर के परिसर में शरद नवरात्र की पूर्व संध्या पर भजन संध्या के साथ महोत्सव की शुरुआत हुई जहां कलाकारों ने भजन, धार्मिक गीत गाए।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
