
नई दिल्ली, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि त्योहारी सीजन में मिलावटी सामानों की भरमार को दिल्ली में भाजपा सरकार भी रोकने में नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिलावटी उत्पादों से निजात दिलाने और इसमें सहयोग करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
यादव बुधवार को एक बयान में कहा कि त्योहारों के सीजन में खोया, पनीर, मावा की मांग बढ़ने से बाजार मिलावटी वस्तुओं की मात्रा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, “खोया, पनीर में स्टार्च, सिंथेटिक फैट, डिटर्जेंट, यूरिया, प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसी हानिकारक चीजे मिलाकर दूध के उत्पादों की बिक्री दिल्ली सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग की नाक के नीचे धड़ल्ले से चल रहा है। उन्होंने कहा कि पनीर प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्रोत होने की वजह से लोग इसे दैनिक इस्तेमाल करते हैं लेकिन बाजार में मिलावटी की आवक के कारण यह फायदा पहुंचाने की जगह स्वास्थ्य को नुकसान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि नवरात्रि की शुरुआत में ही दिल्ली में कुटु के मिलावटी आटा खाने से बुराड़ी के जहांगीर पुरी, महेंद्र पार्क, समयपुर, भलस्वा डेयरी लाल बाग, स्वरुप नगर के 150-200 लोग बुराड़ी अस्पताल और बाबू जगजीवन राम अस्पताल में अपनी जान से जूझ रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मिलावट खोरों पर कार्रवाई करने की बजाय दिल्ली की बाजारों में जीएसटी के फायदे गिनाने की भूमिका निभा रही है।
यादव ने कहा कि अप्रैल 2025 में नेशनल फूड सेफ्टी एजंसियों ने पनीर को भारत का सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य पदार्थ घोषित किया, जहां 10 में से 8 सैंपल फेल हुए। मिलावटी खाद्य पदार्थों की निगरानी और संसाधनों की कमी है। दिल्ली में त्योहारों से पहले चेकिंग बढ़ाने की घोषणा हुई लेकिन उचित निगरानी की कमी के कारण मिलावट जारी है और 2025 में भाजपा की सरकार के कार्यकाल में भी गैर लाईसेंस यूनिट द्वारा दूध के उत्पाद पनीर, घी, खोवा, दही आदि की सप्लाई खुले आम होना सिस्टेमेटिक गैप्स के कारण संभव हो रहा है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा डेयरी एनालॉग्स पर कंसल्टेशन पेपर जारी करने के बावजूद नकली मिलावटी पनीर बाजार में बड़ी मात्रा में पहुंच रहा है। सरकार लोगों के स्वास्थ्य जोखिमों को पूरी तरह नजरअंदाज कर रही है जबकि मिलावटी दूध के उत्पादों से उल्टी, पेट संबधी परेशानियां, किडनी डेमेज और लंबे समय में कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है। इसको रोकने में सरकार का जागरूकता अभियान सीमित है।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
