
नैनीताल, 24 सितंबर (Udaipur Kiran News) । जनपद मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित दुर्गम क्षेत्र बेतालघाट के राजकीय प्राथमिक विद्यालय घिरोली ने एक शिक्षक के नवाचारी प्रयासों व प्रयोगों के माध्यम एक अनुकरणीय विद्यालय के रूप में अपनी पहचान बना ली है। इसका श्रेय विद्यालय के अध्यापक टिकेश्वर प्रसाद को जाता है, जिन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से विद्यालय को दर्शनीय बना दिया है।
शिक्षक प्रसाद ने विद्यालय में बच्चों की शिक्षा को रोचक और आकर्षक बनाने के लिए स्वयं के प्रयासों से विद्यालय में रंग-बिरंगी मछलियों के एक्वेरियम, साइकिल और फव्वारे का निर्माण किया है। साथ ही विद्यालय परिसर में स्थापित अशोक वाटिका में सालभर हरी सब्जियां उगाई जाती हैं, जिनमें आलू, मूली, भिंडी, ककड़ी, तोरई, करेला आदि प्रमुख हैं। इन्हीं ताजे उत्पादों को प्रतिदिन मध्याह्न भोजन में परोसा जाता है। बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने की यह अनूठी पहल वर्ष 2005 से निरंतर जारी है।
बच्चों की संख्या 3 गुना हुई
टिकेश्वर प्रसाद की मेहनत से कभी आठ विद्यार्थियों तक सीमित रह गया यह विद्यालय अब 24 बच्चों तक पहुँच गया है। अभिभावक पब्लिक स्कूलों से बच्चों का नाम कटवा कर सरकारी विद्यालय में प्रवेश दिला रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के इन प्रयासों से विभाग ने विद्यालय को स्मार्ट क्लास, टीवी और कंप्यूटर शिक्षा हेतु तीन लाख रुपये की धनराशि भी स्वीकृत की है।
पुरस्कार भी मिल रहे
शिक्षक टिकेश्वर प्रसाद को उनके प्रयासों के लिए अनमोल रत्न शिक्षक पुरस्कार समेत कई सम्मान मिल चुके हैं। अधिकारी वर्ग भी विद्यालय को अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बताते हुए यहाँ दौरा करते रहते हैं। डीईओ बेसिक गोपाल स्वरूप भारद्वाज का कहना है कि ऐसे शिक्षकों की लगन और बच्चों के प्रति स्नेह ही सरकारी शिक्षा के प्रति समाज का नजरिया बदल सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
