बिजनौर, 24 सितम्बर (Udaipur Kiran News) | जनपद में गुलदारों का आतंक किस कदर फैला हुआ है इसका प्रमाण सरकार द्वारा गुलदार के शिकार बने मृतक के परिजनों को दी गई धनराशि से लगाया जा सकता है। 2022 से 2025 तक लगभग 65 इन्सानों को गुलदार अपना शिकार बना चुके हैं। जिनमें जनवरी 2022 से जून 2025 तक कुल 54 मृतकों के परिजनों को वन विभाग द्वारा एक एक लाख रुपए तथा राजस्व विभाग द्वारा चार लाख कुल पांच लाख की धनराशि दी गई है |
जुलाई से अगस्त तक लगभग दस लोगों को गुलदारों ने शिकार बनाया है वही घायलों का आकंड़ा सैकड़ों में है | गुलदारों ने तीन वर्षों में हजारों की तादाद में गाय, बकरी, भैंस, भेड़, बैल आदि पालतू पशुओं व जानवर मार चुके हैं। 2022 से अब तक वन विभाग लगभग 115 गुलदारों को पिंजरे में कैद करने में सफल रहा है वही 106 गुलदारों की दुर्घटना, बीमारी, आपसी लड़ाई अथवा अन्य कारणों से मौत भी हो चुकी है।
ये आंकड़े बताते है कि जनपद में गुलदार की बढ़ती संख्या शासन, प्रशासन के लिए भी चुनौती बनी हुई है। इस चुनौती को स्वीकार कर रात दिन भागदौड़ कर रहा वन विभाग कई वर्षों से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा अलग अलग विभागों व ब्लाक स्तरों पर पिंजरे उपलब्ध कराकर सहयोग लिया गया है। फलस्वरूप सैकड़ों पिंजरे इन गुलदारों को पकड़ने में काम आ चुके हैं। गुलदारों के आतंक से निजात देने की मांग किसान संगठन निरन्तर आन्दोलन के साथ मुखर है |
(Udaipur Kiran) / नरेन्द्र
