
–कोर्ट ने शादी पंजीकरण कराने तक लड़की को नारी संरक्षण गृह में रखने का आदेश दिया
–फर्जी सर्टिफिकेट दाखिल करने को लेकर अधिवक्ता पर 25 हजार रुपए हर्जाना
प्रयागराज, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । फर्जी धर्म परिवर्तन प्रमाणपत्र के सहारे हाईकोर्ट में सुरक्षा की मांग में आये बालिग जोड़े की शादी को कोर्ट ने अमान्य कर दिया है। हालांकि दोनों को विशेष विवाह कानून के अंतर्गत प्रयागराज में बिना धर्म परिवर्तन किए शादी पंजीकृत कराने का निर्देश दिया है।
मोहम्मद बिन कासिम उर्फ अकबर मुस्लिम और जैनब परवीन उर्फ चंद्र कांता हिंदू बालिगों ने धर्म बदलने के फर्जी प्रमाणपत्र लेकर शादी की थी। कोर्ट ने चंद्रकांता के परिवार के साथ जाने से इंकार करने पर उसे पंजीकरण प्रमाणपत्र मिलने तक नारी संरक्षण गृह में रखने का आदेश दिया है। वह अभी तक याची के साथ रह रही थी।
कोर्ट ने याची अधिवक्ता को भविष्य में बिना सत्यापन ऐसे फर्जी प्रमाणपत्र याचिका के साथ दाखिल न करने की चेतावनी दी और उन पर 25 हजार रूपये हर्जाना लगाया है तथा 15 दिन में हाईकोर्ट मिडिएशन सेंटर में जमा करने का निर्देश दिया। कहा जमा नहीं किया तो जिलाधिकारी के मार्फत हर्जाना राशि वसूली जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने मोहम्मद बिन कासिम उर्फ अकबर व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
याचीगण का कहना था कि दोनों विपरीत धर्म के है। अपनी मर्जी से महिला याची ने 22 फरवरी 25 को इस्लाम स्वीकार किया है। खानकाह आलिया अरीफिया ने धर्म परिवर्तन का प्रमाण-पत्र जारी किया है। उसके बाद उन्होंने 26 मई 25 को निकाह किया है। उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में किसी के दखल पर रोक लगाई जाए।
सरकारी वकील ने बताया कि धर्म परिवर्तन का प्रमाण पत्र फर्जी है। क्योंकि सचिव/प्रबंधक जामिया आरफा सेयद सरवन कौशाम्बी ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि उनकी संस्था ने धर्म परिवर्तन का कोई प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया है। कोर्ट ने कहा धर्म परिवर्तन फर्जी तो शादी भी अवैध है, क्योंकि मुस्लिम कानून के तहत इस्लाम मानने वालों के बीच ही निकाह का करार हो सकता है। विपरीत धर्म के लोगों का नहीं।
कोर्ट ने कहा धर्म परिवर्तन का दस्तावेज फर्जी होने के कारण शादी भी अवैध है। दोनों शादीशुदा नहीं है। हालांकि संविधान दो बालिगों को अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार देता है। इसलिए दोनों विशेष विवाह कानून के तहत बिना धर्म बदले शादी का पंजीकरण करा सकते हैं।
कोर्ट को बताया गया कि गाजीपुर में निबंधक विशेष विवाह अधिनियम इस समय कोई नहीं है। इसलिए याची प्रयागराज में निबंधक विशेष विवाह अधिनियम के समक्ष शादी पंजीकृत करने की अर्जी दे सकते हैं।
कोर्ट ने अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता को कहा है कि दो घंटे में जिला प्रोबेशन अधिकारी को इसकी सूचना दे। साथ ही निबंधक अनुपालन भी जिलाधिकारी प्रयागराज,जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रयागराज व पुलिस कमिश्नर को सूचना दे। कोर्ट ने याची को सुरक्षा देने सहित दूसरी याची को नारी संरक्षण गृह ले जाने का इंतजाम करने का आदेश दिया। कोर्ट ने निबंधक अनुपालन से 16 अक्टूबर 25 को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
