नई दिल्ली, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सुरक्षा चूक के चार आरोपितों की न्यायिक हिरासत 3 नवंबर तक बढ़ा दिया है। एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने चार आरोपितों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान आरोपित ललित झा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 250 के तहत याचिका दायर कर खुद को बरी करने की मांग की। कोर्ट ने इस अर्जी पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 3 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान इस मामले के सभी आरोपित कोर्ट में पेश हुए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2 जुलाई को इन, मामले के दो आरोपितों नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत दी थी। उच्च न्यायालय ने दोनों आरोपितों को 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने दोनों आरोपितों को प्रेस कांफ्रेंस करने और मीडिया को इंटरव्यू नहीं देने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने दोनों आरोपितों को इस घटना के बारे में सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट नहीं करने को कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने दोनों आरोपितों को संबंधित थाने में सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह दस बजे रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 15 जुलाई 2024 को पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा मामले में 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने 7 जून 2024 को पहली चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया है उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है।
घटना 13 दिसंबर 2023 की है जब संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे। कुछ ही देर में एक आरोपित ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा। इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई। हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की। कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया। संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
