

रांची, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । झारखंड सहित पूरे देश का गौरव रहा हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) आज अपनी बदहाली की दास्तां बयां कर रहा है। कभी यहां 22 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे और देश-विदेश में इस उपक्रम की धाक थी। लेकिन आज हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि मजदूर-कर्मी दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं।
दशहरा जैसे महापर्व में भी एचईसी कर्मियों को उनके 29 माह के बकाया वेतन मिलने की गुंजाइश भी धुंधली पड़ गई है।
हटिया कामगार यूनियन (एटक) के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि केंद्र सरकार से मार्मिक अपील की गई है कि एचईसी के कर्मचारियों, ठेका मजदूरों और रिटायर कर्मियों को इस नारकीय जीवन से बाहर निकाला जाए। 29 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारी पूरी तरह से टूट चुके हैं। मानसिक तनाव और बीमारियों से जूझ रहे इन कर्मियों के पास इलाज कराने तक के पैसे नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि दशहरा जैसे बड़े त्योहार पर भी कर्मचारियों के घरों में मायूसी छाई हुई है। जहां अन्य संस्थानों में बोनस वितरित हो रहा है, वहीं एचईसी कर्मियों को वेतन और बोनस दोनों से वंचित रखा गया है। दूसरी ओर निदेशक को नियमित वेतन और सभी सुविधाएं मिल रही हैं, जो कर्मचारियों के साथ सीधी नाइंसाफी है।
लालदेव सिंह ने कहा कि रिटायर कर्मियों की लीव सैलरी 2017 से, ग्रेच्युटी 2018 से और सीपीएफ वर्ष 2022 से बकाया है। केंद्र सरकार को बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ है। वहीं, माल सप्लायर अदालत का सहारा लेकर भुगतान करा लेते हैं, लेकिन कर्मचारियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
